यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के खतरे से बने संकट की वजह से रूस और अमेरिका (US) के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच अमेरिका और रूस के करीबी देशों पर भी दबाव बनता जा रहा है कि वो ये खुल कर बताएं कि उनकी दोस्ती या वफादारी का पलड़ा किस ओर भारी हो रहा है. ऐसे में पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) की तरफ से एक अहम बयान आया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि वैश्विक राजनीति में उनका देश किसी खेमे में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उनकी नीति ‘हर देश से रिश्ते बनाए रखने' की रही है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान को लंबे समय तक अमेरिका ने बड़ी आर्थिक मदद दी है. लेकिन पिछले दिनों रूस की ओर पाकिस्तान का झुकाव भी देखने को मिला. ब्रिटैनिका विश्वकोश के अनुसार पाकिस्तान साउथईस्ट एशिया ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेश (SEATO) के उस डिफेंस समझौते में भी शामिल था जिसमें अमेरिका मौजूद था. इसी वजह से पाकिस्तान को पहले गुट निरपेक्ष आंदोलन ( Non-Aligned Movement, NAM) में भी शामिल नहीं किया गया था. फिर पाकिस्तान 1968 में इस समझौते से बाहर आ गया था. एक पाकिस्तानी वेबसाइट Ccsmcqs.com के अनुसार 1979 के हवाना समिट में पाकिस्तान को उस गुट-निरपेक्ष आंदोलन में शामिल किया गया जिसमें भारत की अहम भूमिका रही. शायद यही वजह है कि पाकिस्तान एक बार फिर शीत युद्ध से बचने और किसी भी खेमे में शामिल ना होने की बात कह रहा है.
इमरान खान ने खान ने पत्रकारों, पूर्व राजनयिकों और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों से एक बातचीत में कहा, ‘‘हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचना चाहते, जिससे ऐसा लगे कि हम किसी खास खेमे का हिस्सा हैं.''
इमरान खान ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान किसी और देश की तुलना में चीन (China) की ओर ज्यादा प्रभावित है. उन्होंने कहा कि देश की नीति है, ‘‘हर देश के साथ संबंध बनाए रखना.'' हाल ही में चीन ने यूक्रेन मुद्दे पर रूस का साथ देते हुए बयान दिया था. पाकिस्तान में चीन में बड़ा निवेश किया है, हथियारों की आपूर्ती की है और संयुक्त राष्ट्र जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी चीन ने कई बार पाकिस्ताान का साथ दिया है.
लेकिन मौजूदा स्तिथी में एक सवाल के जवाब देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना का रावलपिंडी स्थित मुख्यालय भी इस देश की नीति को लेकर स्पष्ट है कि वो हम हर देश के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं. पाकिस्तान की सेना ने देश की आजादी के 74 साल में से आधे समय तक राज किया था.
ऐसा पहली बार नहीं है जब खान ने कहा है कि वह नये शीतयुद्ध की स्थिति में अमेरिका और चीन का अनुसरण नहीं करेंगे.
इस महीने की शुरुआत में, खान ने कहा था कि अमेरिका और चीन को एक साथ लाने में पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाना चाहता है क्योंकि ‘एक और शीत युद्ध' से किसी को फायदा नहीं होगा.
घरेलू चुनौतियों के बारे में बात करते हुए खान ने कहा कि देश के सुधार में लालफीताशाही सबसे बड़ी बाधा है. उन्होंने कहा कि संघीय सरकार की कीमत पर प्रांतों के सशक्तीकरण ने भी समस्याएं पैदा की हैं.
इससे पहले खबर आई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( PM Imran Khan) रूस (Russia ) की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से खबर आई थी कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फरवरी के आखिर में रूस की अहम यात्रा पर जाएंगे.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार बताया गया था कि पिछले 20 से अधिक सालों में किसी पाकिस्तानी शीर्ष नेतृत्व की यह पहली रूस यात्रा होगी जिसमें वह व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मिलेंगे. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि इमरान खान फरवरी 23 से 26 को रूस की यात्रा पर जाएंगे.
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