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ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत! छलका दर्द, बोले- चाहे जो कर लूं, मुझे अवॉर्ड नहीं मिलेगा

अगर इसे नोबेल (Nobel Peace Award) को लेकर ट्रंप का दर्द कहा जाए तो गलत नहीं होगा. उनका कहना है कि अगर वह ईरान-इजरायल या फिर रूस-यूक्रेन जैसे बड़े मुद्दों को भी सुलझा लें, तब भी उनको नोबेल पीस नहीं मिलेगा.

ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की चाहत! छलका दर्द, बोले- चाहे जो कर लूं, मुझे अवॉर्ड नहीं मिलेगा
नोबेल शांति पुरस्कार क

क्या डोनाल्ड ट्रंप को 2026 का नोबेल पीस पुरस्कार मिलेगा? ये सवाल इसलिए क्यों कि पाकिस्तान ने ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार (Trump Nobel Peace Prize) के लिए प्रस्तावित किया है. पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि हाल ही में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व को देखते हुए ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करने का फैसला लिया गया है.लेकिन ट्रंप का मानना है कि वह चाहें जो कर लें उनको ये पुरस्कार नहीं मिलेगा.

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मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा

पाकिस्तान ही नहीं ट्रंप खुद भी चाहते हैं कि उनको ये पुरस्कार मिले. ट्रंप का कहना है कि उनको नोबेल पीस प्राइस नहीं मिलेगा. नोबेल पुरस्कार को लेकर अपनी इच्छा को उन्होंने ट्रुथ सोशल पर जाहिर करते हुए लिखा कि उन्होंने दुनिया में शांति की कई कोशिशें कीं, लेकिन फिर भी उनको नोबेल पीस अवॉर्ड नहीं मिलेगा.बता दें कि अपने पोस्ट में ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार शब्द का इस्तेमाल 6 बार किया है.

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मैंने इतना सब किया, फिर भी...

इतना ही नहीं ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने कांगो और रवांडा के बीच समझौता करवाया, भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोका, सर्बिया और कोसोवो के बीच शांति कायम करवाई. मिस्र-इथियोपिया के बीच के टकराव को रोका . इतना ही नहीं मिडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते किए. वह चाहें जो भी कर लें उनको फिर भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. ट्रंप ने आगे लिखा कि अगर सब कुछ सही रहा तो अब्राहम समझौते में और देश भी जुड़ेंगे. मिडिल ईस्ट पहली बार एकजुट हो सकेगा.

वहीं सेंसिटिव यंग फेसिस्ट नाम के एक एक्स यूजर ने अपने पोस्ट में कहा है कि भारतीय भाइयों हमें पीएम मोदी पर दबाव डालना चाहिए कि वे भारत को पाकिस्तानी आक्रामकता से बचाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करें. हम पाकिस्तान को यहां नेरेटिव कंट्रोल नहीं करने दे सकते. भाइयो, हम यह कर सकते हैं.

मैंने क्या किया इसे लोग समझते हैं

अगर इसे नोबेल को लेकर ट्रंप का दर्द कहा जाए तो गलत नहीं होगा. उनका कहना है कि अगर वह ईरान-इजरायल या फिर रूस-यूक्रेन जैसे बड़े मुद्दों को भी सुलझा लें, तब भी उनको नोबेल पीस नहीं मिलेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को पता है कि उन्होंने क्या किया है. उनके लिए ये ज्यादा मायने रखता है. ट्रंप का ये बयान ऐसे समय में आया है जब नोबेल अवॉर्ड्स को लेकर दुनियाभर में बहस चल रही है कि ये किसे और क्यों दिया जाता है.


 

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