प्रतीकात्मक चित्र
वाशिंगटन:
अमेरिका के दैनिक अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा कि लाहौर में हुए भयावह आत्मघाती हमले के मद्देनजर पाकिस्तान को चरमपंथियों से ‘बलपूर्वक निपटना’ चाहिए और इस दौरान किसी को भी छूट नहीं दी जानी चाहिए। फिर चाहे वे चरमपंथी कश्मीर की ‘‘आजादी’’ के लिए ही क्यों न काम कर रहे हों।
अखबार ने एक संपादकीय में कहा, ‘‘अब तक पाकिस्तान को यह बात सीख लेनी चाहिए थी कि सबसे अच्छा तरीका ऐसे चरमपंथियों को बर्दाश्त करना या उनके साथ समझौता करने का नहीं है, तरीका तो उनसे बलपूर्वक निपटने का होना चाहिए।’’ यह संपादकीय लाहौर हमले के तीन दिन बाद प्रकाशित हुआ है। ईस्टर संडे के मौके पर हुए हमले में ईसाइयों को निशाना बनाया गया था। इस विस्फोट में 29 बच्चों समेत कुल 72 लोग मारे गए थे।
अखबार ने कहा, ‘‘उन जिहादियों को छूट नहीं दी जा सकती, जो पाकिस्तान के अभिजात्य वर्ग द्वारा पोषित किए जाने वाले उद्देश्यों के लिए लड़ते हैं। इनमें कश्मीर को भारतीय शासन से ‘‘आजादी’’ दिलाने या अफगान सरकार से तालिबान को लड़ाने जैसे उद्देश्य शामिल हैं।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अखबार ने एक संपादकीय में कहा, ‘‘अब तक पाकिस्तान को यह बात सीख लेनी चाहिए थी कि सबसे अच्छा तरीका ऐसे चरमपंथियों को बर्दाश्त करना या उनके साथ समझौता करने का नहीं है, तरीका तो उनसे बलपूर्वक निपटने का होना चाहिए।’’ यह संपादकीय लाहौर हमले के तीन दिन बाद प्रकाशित हुआ है। ईस्टर संडे के मौके पर हुए हमले में ईसाइयों को निशाना बनाया गया था। इस विस्फोट में 29 बच्चों समेत कुल 72 लोग मारे गए थे।
अखबार ने कहा, ‘‘उन जिहादियों को छूट नहीं दी जा सकती, जो पाकिस्तान के अभिजात्य वर्ग द्वारा पोषित किए जाने वाले उद्देश्यों के लिए लड़ते हैं। इनमें कश्मीर को भारतीय शासन से ‘‘आजादी’’ दिलाने या अफगान सरकार से तालिबान को लड़ाने जैसे उद्देश्य शामिल हैं।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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