नवाज शरीफ और बराक ओबामा (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस में हुई बैठक में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोई समयसीमा नहीं तय की गई।
कार्रवाई के लिए कोई समयसीमा नहीं बता रहे
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, हम पाकिस्तान को कोई ऐसी कोई समयसीमा नहीं बता रहे हैं, जिसके तहत वे उसके या किसी अन्य आतंकी समूह के खिलाफ कार्रवाई करेंगे अथवा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि उनको पता है कि ये गंभीर खतरे हैं। हम अवगत हैं कि उनको यह भी पता है कि यह मामला न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरी दुनिया के लिए कितना महत्व रखता है। यह कठिन समस्या है।
परवेज मुशर्रफ का इंटरव्यू नहीं देखा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के एक हालिया साक्षात्कार में लश्कर जैसे आतंकी समूहों को पाकिस्तान की ओर से सहयोग मिलने की बात स्वीकारने को लेकर पूछे गए सवाल पर किर्बी ने कहा, मैंने पूर्व राष्ट्रपति की टिप्पणी को नहीं देखा। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हमने दुनिया के उस हिस्से में हिंसक चरमपंथ के बारे में पाकिस्तान के साथ अपनी चिंता साझा की है। हम जानते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्र में अब भी सुरक्षित शरण स्थली है। और हम इन शरण स्थलियों को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बहुत स्पष्ट रहे हैं।
कार्रवाई के लिए कोई समयसीमा नहीं बता रहे
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, हम पाकिस्तान को कोई ऐसी कोई समयसीमा नहीं बता रहे हैं, जिसके तहत वे उसके या किसी अन्य आतंकी समूह के खिलाफ कार्रवाई करेंगे अथवा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि उनको पता है कि ये गंभीर खतरे हैं। हम अवगत हैं कि उनको यह भी पता है कि यह मामला न सिर्फ क्षेत्र, बल्कि पूरी दुनिया के लिए कितना महत्व रखता है। यह कठिन समस्या है।
परवेज मुशर्रफ का इंटरव्यू नहीं देखा
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के एक हालिया साक्षात्कार में लश्कर जैसे आतंकी समूहों को पाकिस्तान की ओर से सहयोग मिलने की बात स्वीकारने को लेकर पूछे गए सवाल पर किर्बी ने कहा, मैंने पूर्व राष्ट्रपति की टिप्पणी को नहीं देखा। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हमने दुनिया के उस हिस्से में हिंसक चरमपंथ के बारे में पाकिस्तान के साथ अपनी चिंता साझा की है। हम जानते हैं कि सीमावर्ती क्षेत्र में अब भी सुरक्षित शरण स्थली है। और हम इन शरण स्थलियों को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बहुत स्पष्ट रहे हैं।
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