अमेरिका (US) का दबदबा कई एडवांस तकनीकों (Advanced Techniques) के मामले में कम होता जा रहा है, एक प्रभावशाली अमेरिकी राजदूत ने वॉशिंगटन (Washington) में यह दावा किया. उन्होंने कहा कि भारत (India) , रूस (Russia) और चीन (China) हायपरसोनिक तकनीक (Hypersonic tech) के क्षेत्र में अमेरिका (US) से आगे बढ़ गए हैं. " हम एक ऐसी स्थिति में हैं जहां हमें तकनीकी सुधार की ज़रूरत है. हम तकनीक के क्षेत्र में सबसे आगे रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. हायपरसोनिक के मामले में साफ़ तौर से चीन, भारत और रूस आगे निकल गए हैं." अमेरिकी सांसद जैक रीड (Senator Jack Reed) , जो अमेरिकी संसद की आर्म्ड सर्विस कमिटी के अध्यक्ष हैं, उन्होंने एक नॉमिनेशन सुनवाई के दौरान यह कहा.
सांसद रीड ने कहा, " हम पहली बार इतिहास में त्रिपक्षीय परमाणु प्रतिस्पर्धा का सामना करने वाले हैं, द्विपक्षीय नहीं. सोवियत यूनियन, अमेरिका का मुकाबलानहीं अब चीन, रूस और अमेरिका के बीच प्रतिस्पर्धा होगी.' सांसद रीड ने एक्यूज़ीशन और सस्टेनमेंट के रक्षा उपसचिव डॉ विलियम लाप्लेंटे से पूछा कि वो इस मामले से कैसे निपटेंगे.
डॉ लाप्लेंटे ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि तुरंत ही वो मुख्यधारा के हथियार तंत्र तक पहुंचने के काम में तेजी लाएंगे.
उन्होंने कहा," यह जो नई तकनीक, जिसके बारे में आपने बात की. हमने पिछले कुछ सालों में उस क्षेत्र में कई नए कदम उठाए हैं, इसके लिए मैं इस कमिटी को धन्यवाद दूंगा. जल्द कॉन्ट्रेक्ट पूरा करने के आपके अधिकार का प्रयोग करना मेरी समझ में बेहतर है."
फिर दौड़ में शामिल होगा अमेरिका
उन्होंने कहा, " हमें हथियार तंत्रों की उन क्षमताओं में तुरंत पहुंचना होगा और कई बार खतरे से निपटना होगा. इसलिए मैं शपथ लेता हूं कि मैं प्रोग्राम अधिकारियों के साथ काम करके तकनीक को उन्नत बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा जिससे हम उस दौड़ में वापस आ सकें, जिसके बारे में आपने बात की."
उन्होंने कहा, " सेना के लिए समय पर, उचित मूल्य के साथ बिना समझौते वाली क्षमताओं को प्रदान करना आज जितना महत्वपूर्ण पहले कभी नहीं था."
डॉ लाप्लेंटे (Dr LaPlante) ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा," चीन तेजी से हमारे लिए खतरा बन रहा है, रूस की तानाशाही बढ़ रही है और वो क्षेत्रीय गुटबाजी कर रहा है. बुरी नियत वाले और दूसरे खतरे वैश्विक तंत्र और हमारे जीने के तरीके के लिए खतरा बन रहे हैं."
एक और सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा कि फेल टेस्ट से कोई सीख नहीं मिलती है. उन्होंने कहा, " आपके टेस्टिंग करते रहना पड़ता है. हमने 2010 और 2011 में कंबाइंड DARPA एयरफोर्स एक्सपेरिमेंट किए था जिसमें Vandenberg Air Force Base से Kwajalein के लिए हायपरसोनिक ग्लाइड पर एक्सपेरिमेंट किया गया था. दोनों टेस्ट फेल हो गए और फिर अमेरिका (United States) ने हायपरसोनिक ग्लाइड वाहन (hypersonic glide vehicle) का काम बंद कर दिया.
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