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ट्रंप ने UN में घेरा, उनके मंत्री लगा रहे मक्खन… रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर अमेरिका का सुर क्यों बदल रहा?

अमेरिका के ऊर्जा सचिव ने कहा, "मैं भारत का बहुत बड़ा फैन हूं. वाशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली कच्चे तेल की खरीद पर उसके साथ डील करे."

ट्रंप ने UN में घेरा, उनके मंत्री लगा रहे मक्खन…  रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर अमेरिका का सुर क्यों बदल रहा?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ऊर्जा सचिव क्रिस राइट
  • US के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने भारत से रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया
  • अमेरिका का उद्देश्य भारत को दंडित करना नहीं, यूक्रेन में रूस के सैन्य हमलों को समाप्त कराना है- उर्जा सचिव
  • अमेरिका भारत को एक महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदार मानता है और सहयोग बढ़ाने की इच्छा रखता है- उर्जा सचिव
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अमेरिका के ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने भारत से यह आग्रह किया है कि वह रूस से रियायती कीमत पर कच्चे तेल खरीदने के अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सहयोगी ने कहा है कि वाशिंगटन का इरादा नई दिल्ली को टैरिफ लगाकर दंड देने का नहीं है, बल्कि उसका उद्देश्य यूक्रेन में रूस के सैन्य हमलों को समाप्त करना है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका भारत के साथ "उज्ज्वल भविष्य" देखता है. उन्होंने भारत से यूक्रेन संघर्ष पर अधिक तालमेल बैठाने की अपील की है.

यह टिप्पणी उस समय आई है जब ट्रंप सरकार ने भारत से अमेरिका पहुंचने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. यह वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है. इस 50 प्रतिशत के कुल टैरिफ में से 25 प्रतिशत नई दिल्ली के रूसी तेल व्यापार से जुड़ा है. डोनाल्ड ट्रंप संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भाषण देते हुए भी भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए निशाना साधा था. 

क्रिस राइट ने न्यूयॉर्क फॉरेन प्रेस सेंटर में न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "दुनिया में बहुत सारे तेल निर्यातक देश हैं. भारत को रूस से तेल खरीदने की जरूरत नहीं है. भारत रूसी तेल खरीदता है क्योंकि यह सस्ता है. कोई भी रूसी तेल नहीं खरीदना चाहता; इसलिए वह तेल छूट पर बेच रहा है. भारत ने सस्ता तेल खरीदने और आंख बंद करने का फैसला किया है. वह एक ऐसे व्यक्ति को पैसा दे रहा है जो हर हफ्ते हजारों लोगों की हत्या कर रहा है."

‘अमेरिका से तेल खरीदिए'

अमेरिका के ऊर्जा सचिव ने कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली कच्चे तेल की खरीद पर उनके साथ डील करे. उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि भारत (तेल) खरीदने के लिए हमारे साथ काम करे. आप धरती पर मौजूद हर देश से तेल खरीद सकते हैं, सिर्फ रूसी तेल से नहीं. यह हमारी स्थिति है. अमेरिका के पास बेचने के लिए तेल है, और हर किसी के पास बेचने के लिए तेल है." 

उन्होंने आगे कहा, "हम भारत को दंडित नहीं करना चाहते. हम युद्ध समाप्त करना चाहते हैं और हम भारत के साथ अपने संबंध बढ़ाना चाहते हैं."

'भारत अमेरिका का एक प्रमुख ऊर्जा भागीदार'

राइट ने कहा कि उनका मानना ​​है कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के अमेरिका की तरह ही लक्ष्य रखता है. वाशिंगटन नई दिल्ली को एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार के रूप में देखता है. उन्होंने कहा, "मैं भारत का बहुत बड़ा फैन हूं. हम भारत से प्यार करते हैं. हम भारत के साथ अधिक ऊर्जा व्यापार, अधिक बातचीत की आशा करते हैं और फिर भारत एक और मुद्दे में फंस जाता है."

उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि भारतीय उस युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं, और हम भारत के साथ प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन और तरल पेट्रोलियम गैस में अपने ऊर्जा सहयोग का विस्तार करना चाहते हैं... हम भारत के साथ अधिक व्यापार और ऊर्जा सहयोग के अलावा और कुछ नहीं चाहते हैं."

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