वॉशिंगटन:
यमन के जिस इलाके में विद्रोह फैला हुआ है, वहां से दो मिसाइलें दागी गईं जो रेड सी में गुजरते हुए अमेरिकी विध्वंसकपोत के करीब गिरीं. अमेरिकी नेवी ने यह जानकारी दी. नेवी के मुताबिक, यूएसएस मेसन ने 60 मिनट के अंतराल पर यमन के तट पर लाल सागर में दो मिसाइलों की पहचान की.
इसी दौरान मक्का के निकट सऊदी एयर बेस को निशाना बनाते हुए यमन से एक बैलेस्टिक मिसाइल भी दागी गई. एक बयान जारी कर नेवी ने कहा कि कोई भी अमेरिकी नाविक हताहत नहीं हुआ है और न ही यूएसएस मैसन को कोई नुकसान पहुंचा है. यूएस नेवी फोर्सेस सेंट्रल कमांड के स्पोक्सपर्सन लेफ्टिनेंट इयान मैकनगे ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मिसाइलें मैसन को निशाना बनाकर दागी गई थीं या नहीं, हालांकि वे इसी दिशा में दागी गई थीं.
अल मसीराह नामक सैटेलाइट न्यूज चैनल जिसे यमन की शिया विद्रोही चलाते हैं जिन्हें होथिस के नाम से जाना जाता है, ने इन मिसाइलों की सोवियत के दौर की स्कड मिसाइल का स्थानीय वेरियंट के तौर पर पहचान की है. इसने कहा कि वोल्कैनो 1 मिसाइल ने एयर बेस पर निशाना साधा. मार्च 2015 के बाद से यमन में चल रहे संघर्ष के बीच होथिस ने कई बैलिस्टिक मिसाइल सऊदी अरब में दागी हैं.
इसी दौरान मक्का के निकट सऊदी एयर बेस को निशाना बनाते हुए यमन से एक बैलेस्टिक मिसाइल भी दागी गई. एक बयान जारी कर नेवी ने कहा कि कोई भी अमेरिकी नाविक हताहत नहीं हुआ है और न ही यूएसएस मैसन को कोई नुकसान पहुंचा है. यूएस नेवी फोर्सेस सेंट्रल कमांड के स्पोक्सपर्सन लेफ्टिनेंट इयान मैकनगे ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मिसाइलें मैसन को निशाना बनाकर दागी गई थीं या नहीं, हालांकि वे इसी दिशा में दागी गई थीं.
अल मसीराह नामक सैटेलाइट न्यूज चैनल जिसे यमन की शिया विद्रोही चलाते हैं जिन्हें होथिस के नाम से जाना जाता है, ने इन मिसाइलों की सोवियत के दौर की स्कड मिसाइल का स्थानीय वेरियंट के तौर पर पहचान की है. इसने कहा कि वोल्कैनो 1 मिसाइल ने एयर बेस पर निशाना साधा. मार्च 2015 के बाद से यमन में चल रहे संघर्ष के बीच होथिस ने कई बैलिस्टिक मिसाइल सऊदी अरब में दागी हैं.
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