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This Article is From Mar 21, 2014

अमेरिकी अदालत ने सोनिया गांधी से पासपोर्ट दिखाने को कहा

अमेरिकी अदालत ने सोनिया गांधी से पासपोर्ट दिखाने को कहा
फाइल फोटो
न्यूयॉर्क:

अमेरिका की एक अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके पासपोर्ट की प्रति मुहैया कराने के लिए कहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पिछले साल 2 सितंबर से 9 सितंबर के बीच वह अमेरिका में नहीं थीं।

सोनिया ने न्यूयॉर्क की ब्रूकलिन स्थित संघीय अदालत में 10 जनवरी को एक याचिका दायर कर नवंबर 1984 के सिख विरोधी दंगे से संबंधित मामले में अपने खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन का मुकदमा खारिज करने का अनुरोध किया था। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई सम्मन नहीं मिला, क्योंकि उस वक्त वह अमेरिका में नहीं थीं।

ब्रूकलिन की संघीय अदालत के न्यायाधीश ब्रियन एम कोगन ने हालांकि अमेरिका में नहीं रहने को लेकर सोनिया के उक्त बयान को साक्ष्य की दृष्टि से अपर्याप्त माना और गुरुवार को उनसे अपने पासपोर्ट की प्रति मुहैया कराने के लिए कहा, जिसमें उनकी हाल की अमेरिका यात्रा के बारे में दर्शाया गया हो कि वह कब यहां पहुंचीं और कब यहां से गईं। न्यायाधीश ने सोनिया से 7 अप्रैल तक ये दस्तावेज मुहैया कराने को कहा है।

सोनिया के खिलाफ सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन की याचिका पर मानवाधिकार उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएफजे ने सोनिया पर सिख विरोधी दंगों में कथित तौर पर शामिल कमलनाथ, सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर जैसे कांग्रेस नेताओं को बचाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ क्षतिपूरक और दंडात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

एसएफजे का दावा है कि पिछले साल 9 सितंबर को उसने न्यूयार्क स्थित मेमोरियल स्लोन-केटरिंग कैंसर सेंटर अस्पताल तथा वहां के सुरक्षाकर्मियों को समन जारी किया था और शिकायत भेजी थी। माना जाता है कि सोनिया उस वक्त वहां इलाज के सिलसिले में थीं।

एसएफजे तथा सिख विरोधी दंगे के कुछ पीड़ितों की शिकायत पर ही ब्रूकलिन की अदालत ने सितंबर 2013 में सोनिया गांधी के खिलाफ समन जारी किया था।

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