
- संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने पनामा नहर की सुरक्षा के लिए पनामा पुलिस के साथ मिलकर नए सैन्य अभ्यास शुरू किए हैं, जिसमें तीन हेलीकॉप्टर शामिल हैं.
- यह अभ्यास पनामा की सेनाओं और क्षेत्रीय देशों को नहर की सुरक्षा और रक्षा के लिए किसी भी खतरे के खिलाफ तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर चीन के कथित प्रभाव को लेकर चिंता जताई है और नहर को फिर से अमेरिका के नियंत्रण में लेने की धमकी दी है.
संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने पनामा नहर की सुरक्षा के उद्देश्य से नए सैन्य अभ्यासों की एक श्रृंखला आयोजित करते हुए पनामा पुलिस के साथ मिलकर काम किया. यह सैन्य अभ्यास शुरू करते हुए अमेरिकी सेना के तीन हेलीकॉप्टर रविवार को पनामा पहुंचे. इसमें दो यूएच-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर और एक सीएच-47 चिनूक शामिल थे. ये हेलीकॉप्टर पनामा-प्रशांत हवाई अड्डे पर उतरे, जो पहले यूएस हावर्ड बेस था.
खास बात यह है कि अमेरिका ने पनामा नहर में अपना यह सैन्य अभ्यास उस समय शुरू किया है जब इस बेशकीमती माने जाने वाले व्यापार मार्ग पर कथित चीनी प्रभाव को लेकर तनाव जारी है.
पनामा नहर पर कंट्रोल वापस चाहता है अमेरिका
अमेरिकी सैनिकों ने एक महीने पहले भी पनामा में एक द्विपक्षीय समझौते के तहत इसी तरह का अभ्यास किया था. इस द्विपक्षीय समझौते ने वाशिंगटन को अपने खुद के मिलिट्री बेस स्थापित किए बिना ट्रेनिंग के लिए पनामा के हवाई और नौसैनिक अड्डों का उपयोग करने की अनुमति दी है. हालांकि इस समझौते के कारण मध्य अमेरिकी देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
पनामा के साथ यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बीच आया, जिन्होंने नहर को फिर से अमेरिका के कंट्रोल में लेने की धमकी दी थी. उन्होंने बार-बार दावा किया है कि चीन का इस नहर पर बहुत अधिक प्रभाव है. यह नहर लगभग 40 प्रतिशत अमेरिकी कंटेनर यातायात और पांच प्रतिशत विश्व व्यापार को संभालती है.
लेकिन पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा कि इस नहर से गुजरने का टोल फीस पनामा नहर प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो व्यापार मार्ग की देखरेख करने वाली एक स्वायत्तशासी संस्था है.
पनामा नहर पर ट्रंप का दावा
पनामा में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति एक संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है, क्योंकि यह उस समय को याद दिलाता है जब 1999 के आखिरी दिन नहर को पनामावासियों को सौंपे जाने से पहले वाशिंगटन के पास देश में सैन्य अड्डों का एक समूह था.
SENAN के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी युद्धाभ्यास शुक्रवार तक चलेगा और "राष्ट्रीय संप्रभुता" का सम्मान करेगा. पलासियोस ने कहा कि यह अभ्यास 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है.
ट्रंप प्रशासन ने नहर पर चीनी प्रभाव को कम करने के लिए पनामा पर भारी दबाव डाला है, जिसे वाशिंगटन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है. हालांकि, पनामा ने इन दावों का खंडन किया है कि चीन जलमार्ग पर अनुचित नियंत्रण रखता है. लेकिन नहर को अपने कंट्रोल में लेने की ट्रंप की बार-बार की धमकियों को देखते हुए, पनामा ने सीके हचिसन पर देश से बाहर निकलने का दबाव डाला है. जनवरी में, इसने पनामा पोर्ट्स - सहायक कंपनी - का ऑडिट शुरू किया ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या यह अपने रियायत अनुबंध का सम्मान कर रहा है.
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