प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
न्यूयॉर्क:
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी के प्रति अपने समर्थन को सोमवार को फिर दोहराया। नवंबर में विश्व की इस सबसे शक्तिशाली संस्था को विस्तार देने के बारे में दस्तावेज आधारित वार्ता शुरू होने को देखते हुए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इन तीनों देशों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज अलग-अलग हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत की दावेदारी के समर्थन को दोहराया गया। प्रधानमंत्री ने इसके लिए तीनों नेताओं का धन्यवाद किया।
इन तीनों देशों ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और प्रक्षेप्रास्त्र नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) सहित चार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत द्वारा सदस्य बनने की इच्छा का समर्थन किया।
कुछ ही घंटों के अंतराल के बीच पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा आलोंद से मिले। इसे देखते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसे ‘पावर मंडे’ का नाम दिया।
स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर ओबामा ने दोहराया कि वह सार्वजनिक तौर पर सुरक्षा परिषद के लिए भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन कर चुके हैं । वार्ता में इस बात पर चर्चा हुई कि चूंकि अब दस्तावेज के आधार पर अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, तब ऐसे में भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर कैसे आपसी सहयोग कर सकते हैं।
’’उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि अमेरिका भी अंतर सरकारी स्तर की वार्ता में हिस्सा ले रहा है और भारत भी। लेकिन यह तथ्य कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी के समर्थन को दोहराया है, यह उसके स्थायी सदस्य होने के नाते महत्वपूर्ण है। अब हमें यह देखना है कि अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।’’
इन तीनों देशों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज अलग-अलग हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत की दावेदारी के समर्थन को दोहराया गया। प्रधानमंत्री ने इसके लिए तीनों नेताओं का धन्यवाद किया।
इन तीनों देशों ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और प्रक्षेप्रास्त्र नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) सहित चार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत द्वारा सदस्य बनने की इच्छा का समर्थन किया।
कुछ ही घंटों के अंतराल के बीच पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा आलोंद से मिले। इसे देखते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने इसे ‘पावर मंडे’ का नाम दिया।
स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मुद्दे पर ओबामा ने दोहराया कि वह सार्वजनिक तौर पर सुरक्षा परिषद के लिए भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन कर चुके हैं । वार्ता में इस बात पर चर्चा हुई कि चूंकि अब दस्तावेज के आधार पर अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, तब ऐसे में भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर कैसे आपसी सहयोग कर सकते हैं।
’’उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि अमेरिका भी अंतर सरकारी स्तर की वार्ता में हिस्सा ले रहा है और भारत भी। लेकिन यह तथ्य कि राष्ट्रपति ओबामा ने भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी के समर्थन को दोहराया है, यह उसके स्थायी सदस्य होने के नाते महत्वपूर्ण है। अब हमें यह देखना है कि अंतर सरकारी वार्ता प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।’’
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