वाशिंगटन:
अमेरिका ने पाकिस्तान की इस ‘नयी कहानी’ पर अविश्वास व्यक्त किया है कि ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के अभियान में सीआईए की मदद करने वाले पाकिस्तानी डॉक्टर को आतंकवादियों से संबंधों के चलते सजा सुनाई गई है। उसने समूचे मामले पर इस्लामाबाद से स्पष्टीकरण मांगा है।
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम इस नयी कहानी (डॉ शकील अफरीदी की गिरफ्तारी पर) में विश्वास नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान से आ रहे भ्रामक संकेतों पर उससे स्पष्टीकरण मांगा है।
नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि वह इस तर्क से सहमत नहीं हैं कि अफरीदी के कुछ आतंकी समूहों से संबंध थे। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार अफरीदी को 33 साल कैद की सजा सुनाने वाली कबाइली अदालत ने उसे खबर कबाइली एजेंसी के बाड़ा और तिराह क्षेत्रों से संचालित होने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम के साथ करीबी संबंध रखने का दोषी ठहराया था, न कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ उसकी संलिप्तता के मामले में।
इससे पूर्व पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी ने कहा था कि अफरीदी को ऐबटाबाद में फर्जी टीकाकरण अभियान चलाकर ओसामा बिन लादेन को ढूंढ़ निकालने में सीआईए की मदद करने के मामले में दोषी ठहराया गया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि अमेरिका ने मुद्दे पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा है।
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम इस नयी कहानी (डॉ शकील अफरीदी की गिरफ्तारी पर) में विश्वास नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान से आ रहे भ्रामक संकेतों पर उससे स्पष्टीकरण मांगा है।
नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि वह इस तर्क से सहमत नहीं हैं कि अफरीदी के कुछ आतंकी समूहों से संबंध थे। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार अफरीदी को 33 साल कैद की सजा सुनाने वाली कबाइली अदालत ने उसे खबर कबाइली एजेंसी के बाड़ा और तिराह क्षेत्रों से संचालित होने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम के साथ करीबी संबंध रखने का दोषी ठहराया था, न कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के साथ उसकी संलिप्तता के मामले में।
इससे पूर्व पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी ने कहा था कि अफरीदी को ऐबटाबाद में फर्जी टीकाकरण अभियान चलाकर ओसामा बिन लादेन को ढूंढ़ निकालने में सीआईए की मदद करने के मामले में दोषी ठहराया गया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि अमेरिका ने मुद्दे पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा है।
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