रोहिंग्या समुदाय के लोग( फाइल फोटो)
जेनेवा:
म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की तथ्यान्वेषी टीम रोहिंग्या मुस्लिमों के मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित खबरों के सत्यापन के लिए म्यांमार में निर्बाध पहुंच चाहती है. मिशन के अध्यक्ष मारजुकी डारुसमेन ने कहा, "यह हमलोगों के लिए महत्वपूर्ण है कि हम खुली आंखों से इस हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन को देखें और अधिकार के साथ प्रभावित लोगों से सीधे बातचीत करें. इसी वजह से हमने म्यांमार सरकार के साथ सहयोग बढ़ाने और देश में निर्बाध रूप से जाने देने का आग्रह किया है."
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उन्होंने कहा कि हम आशान्वित हैं कि हमारे आग्रह को सकारात्मक रूप से लिया जाएगा, क्योंकि हम जानते हैं कि सरकार भी सच्चाई जानने के लिए चिंतित हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) की ओर से इस वर्ष मार्च में राखिने प्रांत में सुरक्षा, मानवाधिकार और मानवीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए जांच टीम का गठन किया गया था.
VIDEO: रोहिंग्याओं को शरण से आर्थिक बोझ
मिशन ने एक टीम को म्यांमार सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय पर किए गए अत्याचार की जानकारी प्राप्त करने और मानवाधिकार दुर्व्यवहार की जांच करने बांग्लादेश भेजा था. उल्लेखनीय है कि म्यांमार में गत 25 अगस्त को उग्रवादी समूहों द्वारा म्यांमार सेना की जांच चौकियों पर हमले के बाद फैली हिंसा में लाखों लोगों को बांग्लादेश पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा.
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मिशन ने एक टीम को म्यांमार सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय पर किए गए अत्याचार की जानकारी प्राप्त करने और मानवाधिकार दुर्व्यवहार की जांच करने बांग्लादेश भेजा था. उल्लेखनीय है कि म्यांमार में गत 25 अगस्त को उग्रवादी समूहों द्वारा म्यांमार सेना की जांच चौकियों पर हमले के बाद फैली हिंसा में लाखों लोगों को बांग्लादेश पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा.
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