संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने म्यांमार की अपदस्थ डेमोक्रेटिक नेता आंग सान सू ची, पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट और अन्य को इस सप्ताह सजा दिए जाने पर "गहरी चिंता" व्यक्त की है. सू की को हिंसा भड़काने और COVID-19 प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया और चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी. 76 वर्षीय सू ची इस साल फरवरी सैन्य तख्तापलट से पहले म्यांमार की नेता थीं. उन पर राजनीतिक रूप से प्रेरित 10 अन्य आरोप भी हैं, जिसमें बिना लाइसेंस के वॉकी-टॉकी रखना, भ्रष्टाचार और चुनावी धोखाधड़ी शामिल है, जिसमें 100 से अधिक वर्षों की कुल संभावित सजा है. अपदस्थ राष्ट्रपति विन मिंट को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी.
भारत ने म्यामार की नेता आंग सान सू ची को सुनाई गई सजा को लेकर चिंता जताई
UNSC ने अपने बयान में कहा, "सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और राष्ट्रपति विन मिंट और अन्य की सजा पर गहरी चिंता व्यक्त की. अपने पिछले बयानों को याद करते हुए, उन्होंने 1 फरवरी से मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई के लिए अपनी मांग दोहराई."
इस बयान में आगे कहा गया है, "सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एक बार फिर म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए अपने निरंतर समर्थन पर जोर दिया और म्यांमार के लोगों के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूरी तरह से सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं को बनाए रखने, हिंसा से दूर रहने, रचनात्मक बातचीत को आगे बढ़ाने और लोगों की इच्छा और हितों के अनुसार सुलह करने की आवश्यकता को रेखांकित किया."
म्यांमार की नोबल विजेता नेता आंग सान सू को हुई चार साल जेल की सजा
अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा कि आंग सान सू ची का दोषी फैसला "आधारहीन सजा" है और भविष्य में और अधिक सजा भी मिल सकती है.
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