जलवायु पर्वितन पर संयुक्त राष्ट्र समिति के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र पचौरी के खिलाफ आरोपों को लेकर जांच से संयुक्त राष्ट्र ने इनकार किया है और कहा है कि इस साल के अंत में उनके स्थान पर एक नए प्रमुख की नियुक्ति की जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने संवाददाताओं से कहा, हम आरोपों से अवगत हैं, जो पचौरी के संगठन, खुद के थिंक टैंक से संबंधित हैं, जो संयुक्त राष्ट्र से संबंधित नहीं है, जो संयुक्त राष्ट्र की संस्था नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आरोपों की जांच की जाएगी, दुजारिक ने पचौरी के खिलाफ आरोपों की संयुक्त राष्ट्र की जांच से इनकार किया। पचौरी ने अपने थिंक टैंक ‘टेरी’ की एक महिला कर्मचारी द्वारा दिल्ली में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद 24 फरवरी को जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। दुजारिक ने कहा, मेरे हिसाब से आरोपों की भारतीय अधिकारियों द्वारा गहन जांच की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या महासचिव ने नया जलवायु प्रमुख नियुक्त करने का कोई फैसला किया है, दुजारिक ने कहा कि आईपीसीसी का अध्यक्ष नियुक्त करने का काम संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा, जैसा कि आपने देखा होगा कि पैनल ने स्वयं एक अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था, और पैनल इस साल के अंत में नया अध्यक्ष चुनेगा। लेकिन आईपीसीसी के अध्यक्ष की नियुक्ति करना महासचिव के अधिकारक्षेत्र में नहीं है, जो ‘जलवायु प्रमुख’ नहीं हैं।
पचौरी ने अपना कार्यकाल खत्म होने से कुछ महीने पहले इस्तीफा देने के अपने फैसले के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखा था। वह 13 साल तक आईपीसीसी के अध्यक्ष रहे। 2007 में उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अल गोर के साथ शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र समिति ने भी कहा था कि पचौरी के खिलाफ आरोपों की अनदेखी नहीं कर सकते, लेकिन जोर देकर कहा था कि संगठन अच्छे हाथों में है और भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार है और अपने काम में और अधिक बारीकी से विकासशील देशों को शामिल करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहता है।
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