प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
आतंकी संगठन आत्मघाती हमलों को अंजाम देने के लिए बड़ी संख्या में बच्चों की भर्तियां कर रहा है. खास बात यह है कि इन संगठनों में भर्ती किए जाने वाले ज्यादातर बच्चे पाकिस्तान के हैं. इस बात का खुलासा हाल ही में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे संगठन में शामिल किए जाने वाले बच्चें मुख्य रूप से मदरसों में पढ़ने वाले हैं. ‘बच्चे एवं सशस्त्र संघर्ष’के नाम से जारी हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने ऐसे वीडियो जारी किए हैं जिनमें बच्चों को आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग दी जा रही है.
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गौरतलब है कि रिपोर्ट जनवरी से दिसंबर 2017 तक की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान में सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों की भर्ती किए जाने और उनका इस्तेमाल आत्मघाती हमलों के लिए किए जाने के आरोपों को लेकर लगातार खबरें मिलती रही हैं. जनवरी में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें लड़कियों सहित बच्चों को सिखाया जा रहा है कि आत्मघाती हमले किस तरह किए जाते हैं.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह सशस्त्र समूहों द्वारा स्कूलों पर लगातार हमले किए जाने, खासकर लड़कियों की शिक्षा को निशाना बनाए जाने से चिंतित हैं. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा कि वह भविष्य में स्कूलों पर हमले रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की प्राथमिकता तय करे. आम नागरिकों के मारे जाने के संबंध में आयु संबंधी डेटा सीमित है , लेकिन सशस्त्र समूहों के हमलों में बच्चों के मारे जाने और घायल होने की खबरें लगातार मिलती रहीं हैं. इसमें सिंध प्रांत के सेहवान में हुए आत्मघाती हमले का जिक्र किया गया जिसमें 20 बच्चों सहित कम से कम 75 लोग मारे गए थे.
VIDEO: यूएन की रिपोर्ट मनगढ़ंत.
रिपोर्ट में कहा गया कि शिक्षा प्रतिष्ठानों और छात्रों पर आठ हमलों की खबर मिली. चार हमले लड़कियों की शिक्षा को निशाना बनाकर किए गए. रिपोर्ट में कहा गया कि इसी महीने बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला में स्थित लड़कियों के एक स्कूल को विस्फोटक से उड़ा दिया गया. तालिबान आतंकियों ने दिसंबर 2014 में सेना संचालित पेशावर स्थित एक पब्लिक स्कूल पर हमला कर कम से कम 150 लोगों को मार डाला था जिनमें अधिकतर बच्चे थे. (इनपुट भाषा से)
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गौरतलब है कि रिपोर्ट जनवरी से दिसंबर 2017 तक की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान में सशस्त्र समूहों द्वारा बच्चों की भर्ती किए जाने और उनका इस्तेमाल आत्मघाती हमलों के लिए किए जाने के आरोपों को लेकर लगातार खबरें मिलती रही हैं. जनवरी में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें लड़कियों सहित बच्चों को सिखाया जा रहा है कि आत्मघाती हमले किस तरह किए जाते हैं.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह सशस्त्र समूहों द्वारा स्कूलों पर लगातार हमले किए जाने, खासकर लड़कियों की शिक्षा को निशाना बनाए जाने से चिंतित हैं. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा कि वह भविष्य में स्कूलों पर हमले रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की प्राथमिकता तय करे. आम नागरिकों के मारे जाने के संबंध में आयु संबंधी डेटा सीमित है , लेकिन सशस्त्र समूहों के हमलों में बच्चों के मारे जाने और घायल होने की खबरें लगातार मिलती रहीं हैं. इसमें सिंध प्रांत के सेहवान में हुए आत्मघाती हमले का जिक्र किया गया जिसमें 20 बच्चों सहित कम से कम 75 लोग मारे गए थे.
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रिपोर्ट में कहा गया कि शिक्षा प्रतिष्ठानों और छात्रों पर आठ हमलों की खबर मिली. चार हमले लड़कियों की शिक्षा को निशाना बनाकर किए गए. रिपोर्ट में कहा गया कि इसी महीने बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला में स्थित लड़कियों के एक स्कूल को विस्फोटक से उड़ा दिया गया. तालिबान आतंकियों ने दिसंबर 2014 में सेना संचालित पेशावर स्थित एक पब्लिक स्कूल पर हमला कर कम से कम 150 लोगों को मार डाला था जिनमें अधिकतर बच्चे थे. (इनपुट भाषा से)
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