विज्ञापन
This Article is From Oct 24, 2015

संयुक्त राष्ट्र महासभा में उर्दू से परहेज करने पर फंसे शरीफ, अदालत की अवमानना

संयुक्त राष्ट्र महासभा में उर्दू से परहेज करने पर फंसे शरीफ, अदालत की अवमानना
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ (फाइल फोटो)।
इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र महासभा में उर्दू में भाषण नहीं देने पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 251 के क्रियान्वयन को लेकर कदम उठाए। पाकिस्तान की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा था कि नेताओं और अधिकारियों को भाषणों और औपचारिक संवाद में अंग्रेजी की बजाय उर्दू भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।

याचिका दाखिल की गई
समाचार पत्र ‘द डॉन’ ने खबर दी है कि याचिकाकर्ता जाहिद गनी ने बीते आठ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए आदेश का हवाला दिया जिसमें संघीय एवं प्रांतीय सरकारों से कहा गया था कि वे बिना विलंब किए उर्दू को अधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल करें।

अन्य देशों के नेताओं ने अपनी राष्ट्रभाषाओं में संबोधित किया
गनी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी तथा यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको सहित कई विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपनी राष्ट्रीय भाषाओं में संबोधित किया। याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शरीफ ने अपराध किया है तथा ऐसे में उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इससे पहले एक अन्य व्यक्ति ने याचिका दायर कर शरीफ के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाने का आग्रह किया था।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
संयुक्त राष्ट्र महासभा, उर्दू, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, अदालत की अवमानना, Uno, Urdu, Pakistan Supreme Court, PM Nawaj Sharif, Contempt Of Court