नडेला ने माइक्रोसाफ्ट के सालाना सम्मेलन को संबोधित किया।
सैन फ्रांसिस्को:
माइक्रोसाफ्ट के भारतीय मूल के मुख्य कार्यकारी सत्य नडेला ने एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां कंप्यूटर न केवल मनुष्य की भाषा समझें और उसके साथ संवाद भी कर सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि कंपनियों को 'शिष्ट' प्रौद्योगिकियों का विकास करना चाहिए जो मानवता को अच्छे से अच्छे कार्य में मदद करें न कि उसे निकृष्टता की ओर ले जाएं। नडेला बुधवार को यहां माइक्रोसाफ्ट के सालाना सम्मेलन में प्रौद्योगिक विकास में लगे लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसमें हजारों डेवलपर शामिल थे।
नडेला ने कहा, 'हम जो बनाएं वे सारी प्रौद्योगिकियां ज्यादा समावेशी और शिष्ट हों . हम ऐसे प्रौद्योगिकी बनाना चाहते हैं जो मनुष्य से अच्छा से अच्छा काम न कि निकृष्ट कार्य कराए। हम ऐसा इंटेलिजेंस विकसित करना चाहते हैं जो मानवीय क्षमता और अनुभव को बढ़ाए। आखिरकार भविष्य मानव बनाम मशीन नहीं बल्कि मानव के साथ मशीन का होगा।'
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि मानवीय भाषा शक्ति का उपयोग कंप्यूटरों के साथ इंटरफेस (निर्देशों के आदान प्रदान) में व्यापक रूप से हो सके।' नडेला ने कहा, 'ऐसा करने के लिए आपको कंप्यूटर में इंटेलिजेंस (बुद्धि) डालनी होगी। आपको मशीन में ऐसी कृत्रिम बुद्धि की प्रौद्योगिकी डालनी पड़ेगी कि हम कंप्यूटर को मानव की भाषा सीखने, बातचीत करने, वार्ता की समझ बढ़ाने, व्यक्तिगत तरजीह के व्यापक परिप्रेक्ष्य तथा ज्ञान को समझने का प्रशिक्षण दे सकें जिससे आपको रोजमर्रा के काम करने में मदद मिले।' उन्होंने ऐसे भविष्य की परिकल्पना की कि जिसमें मशीन मुनष्य के खिलाफ नहीं बल्कि होगी बल्कि वह मनुष्य के साथ सहज संवाद और रोजमर्रा के जीवन में सीखने का अनुभव दे रही होगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
नडेला ने कहा, 'हम जो बनाएं वे सारी प्रौद्योगिकियां ज्यादा समावेशी और शिष्ट हों . हम ऐसे प्रौद्योगिकी बनाना चाहते हैं जो मनुष्य से अच्छा से अच्छा काम न कि निकृष्ट कार्य कराए। हम ऐसा इंटेलिजेंस विकसित करना चाहते हैं जो मानवीय क्षमता और अनुभव को बढ़ाए। आखिरकार भविष्य मानव बनाम मशीन नहीं बल्कि मानव के साथ मशीन का होगा।'
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि मानवीय भाषा शक्ति का उपयोग कंप्यूटरों के साथ इंटरफेस (निर्देशों के आदान प्रदान) में व्यापक रूप से हो सके।' नडेला ने कहा, 'ऐसा करने के लिए आपको कंप्यूटर में इंटेलिजेंस (बुद्धि) डालनी होगी। आपको मशीन में ऐसी कृत्रिम बुद्धि की प्रौद्योगिकी डालनी पड़ेगी कि हम कंप्यूटर को मानव की भाषा सीखने, बातचीत करने, वार्ता की समझ बढ़ाने, व्यक्तिगत तरजीह के व्यापक परिप्रेक्ष्य तथा ज्ञान को समझने का प्रशिक्षण दे सकें जिससे आपको रोजमर्रा के काम करने में मदद मिले।' उन्होंने ऐसे भविष्य की परिकल्पना की कि जिसमें मशीन मुनष्य के खिलाफ नहीं बल्कि होगी बल्कि वह मनुष्य के साथ सहज संवाद और रोजमर्रा के जीवन में सीखने का अनुभव दे रही होगी।
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