युद्ध का संकट झेल रहे यूक्रेन के लिए 'संकटमोचक' बना भारत, लोगों की मदद के लिए भेजी 12वीं खेप

भारत ने एक मार्च को पोलैंड के रास्ते यूक्रेन को मानवीय सहायता की पहली किस्त भेजी थी, जिसमें दवाएं और अन्य राहत सामग्री शामिल थीं.

युद्ध का संकट झेल रहे यूक्रेन के लिए 'संकटमोचक' बना भारत, लोगों की मदद के लिए भेजी 12वीं खेप

युद्ध का संकट झेल रहे यूक्रेन के लिए 'संकटमोचक' बना भारत

मास्को:

भारत ने रूस के साथ युद्ध के कारण होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को कम करने में यूरोपीय राष्ट्र की मदद करने के अपने प्रयास के तहत सोमवार को यूक्रेन को मानवीय सहायता की 12वीं खेप सौंपी. इसमें आवश्यक दवाएं और उपकरण शामिल हैं.
भारत ने एक मार्च को पोलैंड के रास्ते यूक्रेन को मानवीय सहायता की पहली किस्त भेजी थी जिसमें दवाएं और अन्य राहत सामग्री शामिल थीं.

खेप को सौंपे जाने की एक तस्वीर साझा करते हुए कीव में भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा कि राजदूत हर्ष कुमार जैन ने यूक्रेन के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेक्सी इरेमेन्को को “यूक्रेन के लोगों के लिए आवश्यक दवाओं और उपकरणों से युक्त भारत से मानवीय सहायता की 12वीं खेप” सौंपी.

भारत ने यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता के लिए रूस की आलोचना नहीं की है. नयी दिल्ली ने बार-बार रूसी और यूक्रेनी पक्षों से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है और दोनों देशों के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी राजनयिक प्रयासों के लिए अपना समर्थन भी व्यक्त किया है.

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने यूक्रेन में तत्काल मानवीय राहत को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए कहा था कि मानवीय कार्रवाई हमेशा मानवीय सहायता, यानी मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होनी चाहिए तथा उपायों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

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भारतीय मिशन ने 17 मई से कीव में अपना कामकाज फिर से शुरू किया. दूतावास को 13 मार्च को अस्थायी रूप से वारसॉ (पोलैंड) में स्थानांतरित कर दिया गया था.
 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)