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This Article is From Mar 04, 2022

Ukraine के Sumy में 'डर से गला सूखा' और पानी भी खत्म, 600 Indian Students की जान खतरे में

यूक्रेन (Ukraine) की रूस (Russia) से लगते उत्तर-पूर्वी इलाके सुमी (Sumy) में करीब 600-700 भारतीय छात्र (Indian Students) फंसे हुए हैं. यहां छात्रों के पास खाने-पीने का सामान ख़त्म होता जा रहा है. भारी गोलाबारी (Heavy Shelling) के बाद नलों में पानी (Water) आना बंद हो चुका है. ऐसे में मेडिकल के छात्रों ने बाहर गिर रही बर्फ जमा कर पीने के पानी का इंतजाम करना शुरु कर दिया है.

Sumy में फंसे Indian Students ने मोदी सरकार से जान बचाने की अपील की है

सुमी, यूक्रेन:

यूक्रेन (Ukraine) जिस सुमी (Sumy) इलाके में पिछले 8-9 दिनों से भारतीय छात्र (Indian Students) मदद की आस लगाए बैठे थे वहां अब भारी गोलाबारी (Shelling) हो रही है. रूस (Russia) के हमले के बीच सुमी में कल रात लाइट (Light) चली गई थी और पूरा ब्लैक आउट हो गया था और आज फिर वहां लाइट चली गई है. अधिकतर छात्रों के फोन में बैटरी डाउन है तो जिनका फोन चल रहा है, उनके फोन में नेटवर्क की दिक्कत आ रही है. यूक्रेन की रूस से लगते उत्तर-पूर्वी इलाके सुमी में करीब 600-700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. यहां रेलवे लाइनें एयर स्ट्राइक के कारण टूट गई हैं और छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. इस बीच छात्रों के पास खाने-पीने का सामान ख़त्म होता जा रहा है.

भारी गोलाबारी के बाद नलों में पानी आना बंद हो चुका है. छात्रों के लिए पीने के पानी की भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में मेडिकल के छात्रों ने बाहर गिर रही बर्फ जमा कर पीने के पानी का इंतजाम करना शुरु कर दिया है. लेकिन छात्रों के पास पर्याप्त पानी जमा करने के साधन भी नहीं हैं. सुमी में मौजद भारतीय छात्र बेहद घबराए हुए हैं. कई दिनों बाद भी मदद ना मिल पाने पर उनका सब्र टूटता जा रहा है. सुमी से अगर छात्र अपने आप निकलना चाहें तो उनके पास पैसा नहीं है और बाहर एटीएम में कैश नहीं है. सुमी में मौजूद छात्रों तक अभी कोई मदद नहीं पहुंच पाई है.

सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बंकर में फंसे केरल के मुट्टूथरा अखिलेसन आदित्यन ने बाताया कि, "यहां दोबारा से भारी गोलाबारी जारी हो गई है."

इससे पहले उन्होंने एक वीडियो भेज यह बताया था कि कैसे भारतीय छात्र माइनस के तापमान में बाहर निकलकर बर्फ इकठ्ठा कर रहे थे, ताकि उनके पानी का इंतज़ाम हो पाए.

यह दिखाता है कि भारतीय छात्र अपने हालात से निपटने के लिए किस हद तक जा रहे हैं. 

यह भी देखें:- Sumy के नलों में पानी हुआ खत्म

सुमी के एक दूसरे हॉस्टल में फंसे एक छात्र मेहताब ने कहा, "हम अभी तक यहां फंसे हुए हैं" उन्हीं के साथ खड़े ओडीशा के गौरी शंकर परीधा ने बताया कि फरवरी में यहां रूसी सेना ने अटैक किया था और तब से वो भारतीय दूतावास की ओर से मदद का इंतजार कर रहे हैं."

वहीं छत्तीसगढ़ के अहमद शेख रज़ा कहते हैं," यहां बाहर बहुत खतरनाक माहौल है. हमारी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. बाहर निकले तो पता चला कि हर छत पर स्नाइपर गन तैनात है. बहुत डर लगता है." 

यूक्रेन के सुमी में फंस गए हरियाणा के सिद्धार्थ गर्ग ने कहा," यहां हर आधा घंटे में लगभग बमबारी की आवाज आती है और सायरन की आवाज़ से अफरातफरी मच जाती है."

सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्टिटी की सुमन बंगलुरू से हैं, सुमन को तीन महीने बाद मेडिकल की डिग्री मिलनी थी लेकिन युद्ध के बीच उनकी सबसे बड़ी चिंता यही है कि अब उनकी डिग्री का क्या होगा?

सुमी में फंसे छात्रों के पास खाना-पीना खत्म हो गया है. उनकी अपील है कि उन्हें जल्द से जल्द सुमी से निकाला जाए. 

यह भी देखें : - Ukraine Crisis: Sumy में कटी बिजली, Blackout के बीच Indian Students

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