प्रतीकात्मक तस्वीर
लंदन:
ब्रिटेन में एक मुस्लिम महिला ने अपने नियोक्ताओं के खिलाफ ब्रिटेन ट्रिब्यूनल में धार्मिक भेदभाव की शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि उन्होंने उसे 'आतंकवादी जैसा दिखने वाला' काला हिजाब हटाने का अदेश दिया था. मामले के अनुसार महिला ग्रेटर मैनचेस्टर के बरी में हारवे डीन कंपनी में एक वर्ष से काम कर रही थी. वहां के मैनेजर को उसके हिजाब से परेशानी होने लगी थी. द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार मैनचेस्टर इम्प्लायमेंट ट्रिब्यूनल में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया कि महिला से कहा गया कि बैक ऑफिस से जन संपर्क में आने का मतलब है कि 'उसके लिए अच्छा होगा कि अपने हिजाब का रंग बदल ले क्योंकि काले रंग का लिबास आतंकवाद से जुड़ा प्रतीत होता है.'
एक सहयोगी ने दावा किया कि कंपनी के दफ्तर के इर्द गिर्द श्वेत और गैर मुस्लिम बहुल क्षेत्र के लोग अगर शिकायतकर्ता को देखेंगे तो भयभीत हो जाएंगे. रिपोर्ट में महिला के हवाले से कहा गया कि कंपनी में शामिल होने के पहले ही दिन से वह काला स्कार्फ लगा रही थी और जो कारण उसे बताए गए थे उनके अधार पर पर वह हिजाब का रंग बदलने के लिए तैयार नहीं थी.
उसने कहा कि उसने अपने नियोक्ता के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और अरोप लगाया कि उसका मैनेजर अगले दिन उसके लिए रंग बिरंगे हिजाब ले आया. महिला ने कहा कि इन घटनाओं से परेशान हो कर उसने इस्तीफा दे दिया. उसे लगा कि कंपनी ने धर्म और लिंग के आधार पर उसके साथ भेद भाव किया है. रिपोर्ट के अनुसार मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी और कंपनी को महिला को हर्जाना देना पड़ सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक सहयोगी ने दावा किया कि कंपनी के दफ्तर के इर्द गिर्द श्वेत और गैर मुस्लिम बहुल क्षेत्र के लोग अगर शिकायतकर्ता को देखेंगे तो भयभीत हो जाएंगे. रिपोर्ट में महिला के हवाले से कहा गया कि कंपनी में शामिल होने के पहले ही दिन से वह काला स्कार्फ लगा रही थी और जो कारण उसे बताए गए थे उनके अधार पर पर वह हिजाब का रंग बदलने के लिए तैयार नहीं थी.
उसने कहा कि उसने अपने नियोक्ता के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और अरोप लगाया कि उसका मैनेजर अगले दिन उसके लिए रंग बिरंगे हिजाब ले आया. महिला ने कहा कि इन घटनाओं से परेशान हो कर उसने इस्तीफा दे दिया. उसे लगा कि कंपनी ने धर्म और लिंग के आधार पर उसके साथ भेद भाव किया है. रिपोर्ट के अनुसार मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी और कंपनी को महिला को हर्जाना देना पड़ सकता है.
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