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This Article is From Dec 14, 2015

तापी पाइपलाइन का शिलान्यास, अफगान और पाक से होते हुए भारत को मिलेगी गैस

तापी पाइपलाइन का शिलान्यास, अफगान और पाक से होते हुए भारत को मिलेगी गैस
चारों देशों के प्रतिनिधि नेताओं ने एक बटन दबाकर परियोजना का शिलान्यास किया
मेरी (तुर्कमेनिस्तान): तुर्कमेनिस्तान से भारत तक 1800 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का आज तुर्कमेनिस्तान के मैरी इलाके में शिलान्यास हो गया। तापी यानी तुर्कमेनिस्तान, अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और इंडिया नाम की इस पाइपलाइन के उद्घाटन के दौरान तुर्कमेनिस्तान और अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति मौजूद रहे, जबकि पाकिस्तान की ओर से उसके प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और भारत की ओर से उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इस उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत की।

1800 लंबी पाइपलाइन पर आएगा 7.6 अरब डॉलर का खर्च
तापी गैस पाइपलाइन परियोजना पर 7.6 अरब डॉलर का खर्च आने का अनुमान है। 1800 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन तुर्कमेनिस्तान के गलकीनाइश क्षेत्र से अफगानिस्तान के कांधार और पाकिस्तान के मुल्तान होते हुए भारत में फाजिल्का तक पहुंचेगी। इस पाइपलाइन के जरिये अगले तीस साल तक हर दिन 90 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस की सप्लाई हो सकेगी। भारत और पाकिस्तान दोनों को इस पाइपलाइन से 38-38 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस मिलेगी, जबकि बाकी 14 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस अफ़गानिस्तान को सप्लाई होगी। यह पाइपलाइन दिसंबर 2019 में बनकर तैयार होगी।

दक्षिण एशिया को मध्य से जोड़ेगी तापी
तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पर आए उपराष्ट्रपति अंसारी राजधानी अशगाबाद से 311 किलोमीटर दूर इस प्राचीन शहर मेरी आए, जो कि कभी ऐतिहासिक सिल्क रूट पर पड़ता था। उपराष्ट्रपति ने तापी परियोजना को प्राचीन विरासत के प्रति 'इच्छाओं को परिलक्षित' करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि सभी भागीदारों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा कि 'परियोजना की सफलता के लिए प्रतिकूल काम करने वाली नकारात्मक ताकतों से उचित तरीके से निपटा जाए।' उन्होंने कहा, 'और ऐसा करते हुए हमें यह मानना होगा कि हिंसा व गड़बड़ी फैलाने वाली ताकतों को हमारे लोगों की सुरक्षा व आर्थिक विकास की इच्छा को खतरा बनने की छूट नहीं दी जाए। मुझे भरोसा है कि सभी चारों सरकारों की भागीदारी से और हमारे अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के समर्थन से हम इन चुनौतियों को पार पा लेंगे।'

परियोजना के लिए चारों देशों को मिलकर करना होगा काम
उपराष्ट्रपति अंसारी ने इस दिशा में लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम करने वाले मंत्रियों व अधिकारियों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नई पीढी के राजनीतिज्ञों का एक उदाहरण हैं, जो भारत को संपन्न बनाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि चारों देशों को मिलकर काम करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजना की तकनीकी व वाणिज्यिक व्यवहार्यता बनी रहे।

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