इस्तांबुल:
तुर्की में पुलिस ने रविवार को ताकसिम चौक पर लेस्बियन, गे, ट्रांसेक्सुअल और बायसेक्सुअल (एलजीबीटी) समुदाय के वार्षिक मार्च पर इकट्ठे हुए हजारों लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले तथा रबर की गोलियां छोड़ीं।
चौक और इस्तिकलाल मार्ग को इंद्रधनुष के रंग से सजाया गया था, जो कि इस समुदाय के रंगों का प्रतीक है और इसे रविवार को होने वाली मार्च से पहले तैयार किया गया था।
समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' के अनुसार, प्राइड वीक कमेटी ने बयान जारी कर बताया, "हमने पारंपरिक ढांचे में ढलने से इंकार करते हैं। यह प्रकृति की वजह से नहीं है, न ही यह बीमारी है। हम सामान्य नहीं है, हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। न हम गलत है और न ही अकेले।"
मार्च से पहले करीब 5,000 पुलिसकर्मियों और पानी की टंकियों को चौक पर पहले से लगा दिया गया था, जिसका मकसद चौक पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकना था।
चौक पर भीड़ के इकट्ठा होते ही पुलिस ने पानी की बौछारें की और रबर की गोलियां तथा आंसू गैस के गोले छोड़े। पर्यटक, बच्चे और एलजीबीटी समूह के लोग नजदीकी कॉफी की दुकान और बार की तरफ खुद को बचाने के लिए भागे।
चौक और इस्तिकलाल मार्ग को इंद्रधनुष के रंग से सजाया गया था, जो कि इस समुदाय के रंगों का प्रतीक है और इसे रविवार को होने वाली मार्च से पहले तैयार किया गया था।
समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' के अनुसार, प्राइड वीक कमेटी ने बयान जारी कर बताया, "हमने पारंपरिक ढांचे में ढलने से इंकार करते हैं। यह प्रकृति की वजह से नहीं है, न ही यह बीमारी है। हम सामान्य नहीं है, हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। न हम गलत है और न ही अकेले।"
मार्च से पहले करीब 5,000 पुलिसकर्मियों और पानी की टंकियों को चौक पर पहले से लगा दिया गया था, जिसका मकसद चौक पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकना था।
चौक पर भीड़ के इकट्ठा होते ही पुलिस ने पानी की बौछारें की और रबर की गोलियां तथा आंसू गैस के गोले छोड़े। पर्यटक, बच्चे और एलजीबीटी समूह के लोग नजदीकी कॉफी की दुकान और बार की तरफ खुद को बचाने के लिए भागे।
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