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This Article is From Mar 16, 2018

अमेरिका ने 2016 के चुनाव में दखलंदाजी को लेकर रूसी जासूसी एजेंसी पर कई प्रतिबंध लगाए

व्हाइट हाउस और ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी बयानों के मुताबिक यह साइबर हमला इतिहास में सबसे विध्वंसकारी साइबर हमला है.

अमेरिका ने 2016 के चुनाव में दखलंदाजी को लेकर रूसी जासूसी एजेंसी पर कई प्रतिबंध लगाए
(फाइल फोटो)
वाशिंगटन: अमेरिका ने 2016 के चुनाव में कथित हस्तक्षेप करने और अलग-अलग साइबर हमले करने को लेकर रूस की शीर्ष जासूसी एजेंसियों और साइबर गतिविधियों में लिप्त लोगों पर सिलसिलेवार प्रतिबंध लगाया है. वित्त विभाग ने पांच संस्थानों और 19 लोगों को नामित किया है. वित्त मंत्री स्टीवन टी मुशीन ने बताया कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी चुनाव में रूसी साइबर दखलंदाजी, विनाशकारी साइबर हमलों और अहम प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने वाली सेंधमारी सहित अन्य हरकतों का मुकाबला कर रहा है.

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मुशीन ने बताया कि ये प्रतिबंध रूस से होने वाले नापाक हमलों को रोकने की कोशिश का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि वित्त विभाग का इरादा अतिरिक्त ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरी थ्रू सैंक्शन एक्ट’ (सीएएटीएसए) प्रतिबंध लगाने का है ताकि रूसी सरकारी अधिकारियों को उनकी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके. व्हाइट हाउस और ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी बयानों के मुताबिक यह साइबर हमला इतिहास में सबसे विध्वंसकारी साइबर हमला है.

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इस हमले से समूचे यूरोप, एशिया और अमेरिका में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ. साथ ही, अमेरिका में कई अस्पताल हफ्ते भर से अधिक समय तक इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड नहीं बना सके. वित्त विभाग ने कहा कि दो ब्रिटिश नागरिकों की हत्या की कोशिश में एक मिलिट्री ग्रेड नर्व एजेंट का हालिया इस्तेमाल एक लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना आचरण को दिखाता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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