कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने देश में खालिस्तानी तत्वों से संबंधित कुछ टिप्पणियां करने के कुछ दिनों बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को मिले राजनीतिक स्थान को दर्शाती हैं.
ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया था. ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि ‘‘हमारा काम राजनीतिक विरोध को कुचलना नहीं है''.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले भी इस तरह की टिप्पणी की है. उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिेये गये राजनीतिक स्थान को दर्शाती है.''
ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा, ‘‘यह न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि कनाडा में उसके नागरिकों को क्षति पहुंचाने वाली हिंसा और आपराधिकता के माहौल को भी बढ़ावा देता है.''
भारत ने सोमवार को कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया था और ट्रूडो और कई अन्य नेताओं की मौजूदगी में कार्यक्रम में ‘खालिस्तान' समर्थक नारे लगाए जाने पर उनके समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
कार्यक्रम से इतर कनाडा के प्रधानमंत्री ने मीडिया से यह भी कहा कि पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने ‘एक समस्या' पैदा कर दी और वह इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते. निज्जर एक खालिस्तानी अलगाववादी था और वह विभिन्न आतंकी आरोपों में भारत में वांछित था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं