लाहौर:
सेना और नागरिक नेतृत्व के बीच टकराव की खबर पर विदेश जाने से प्रतिबंधित किए गए नामी पाकिस्तानी पत्रकार आज भी अपनी खबर पर कायम हैं और उन्होंने कहा कि उन्होंने खबर देने से पहले तथ्यों की कई बार जांच की थी.
डॉन अखबार के रविवार के संस्करण में अपने प्रकाशित स्तंभ 'ए वीक टू रिमेंम्बर' में अखबार के स्तंभकार और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने कहा कि लेख छापने से पहले कुछ भी चूक का मौका नहीं छोड़ा गया था.
उन्होंने लिखा, 'तीन अक्टूबर की महत्वपूर्ण बैठक के बाद ही लेख को उचित ढंग से तुरंत अंजाम दिया गया, लेकिन यह छह अक्टूबर को प्रकाशित हुआ. यह अंतराल तथ्यों को दोबारा तिबारा, स्रोतों से परखने तथा आधिकारिक टिप्पणी हासिल करने के लिए था.'
अपनी स्टोरी 'एक्ट अगेंस्ट मिलिटेंट्स ऑर फेस इंटरनेशनल आइसोलेशन' यानी 'आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करें या अलग-थलग रहने का सामना करें' में अलमीडा ने खबर दी थी कि नागरिक सरकार ने सैन्य नेतृत्व को पाकिस्तान के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बारे में आगाह किया और हाफिज सईद के एलईटी, मसूद अजहर के जेईएम और हक्कानी नेटवर्क जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की या फिर अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करने को कहा.
नवाज शरीफ सरकार ने खबरों की विषयवस्तु को खारिज किया और बाद में अलमीडा का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में रख दिया, जिससे उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लग गया. हालांकि, मीडिया के दबाव में सरकार ने शुक्रवार को उनका नाम सूची से हटा दिया, लेकिन मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी बना दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डॉन अखबार के रविवार के संस्करण में अपने प्रकाशित स्तंभ 'ए वीक टू रिमेंम्बर' में अखबार के स्तंभकार और संवाददाता सिरिल अलमीडा ने कहा कि लेख छापने से पहले कुछ भी चूक का मौका नहीं छोड़ा गया था.
उन्होंने लिखा, 'तीन अक्टूबर की महत्वपूर्ण बैठक के बाद ही लेख को उचित ढंग से तुरंत अंजाम दिया गया, लेकिन यह छह अक्टूबर को प्रकाशित हुआ. यह अंतराल तथ्यों को दोबारा तिबारा, स्रोतों से परखने तथा आधिकारिक टिप्पणी हासिल करने के लिए था.'
अपनी स्टोरी 'एक्ट अगेंस्ट मिलिटेंट्स ऑर फेस इंटरनेशनल आइसोलेशन' यानी 'आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करें या अलग-थलग रहने का सामना करें' में अलमीडा ने खबर दी थी कि नागरिक सरकार ने सैन्य नेतृत्व को पाकिस्तान के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बारे में आगाह किया और हाफिज सईद के एलईटी, मसूद अजहर के जेईएम और हक्कानी नेटवर्क जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की या फिर अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करने को कहा.
नवाज शरीफ सरकार ने खबरों की विषयवस्तु को खारिज किया और बाद में अलमीडा का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में रख दिया, जिससे उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लग गया. हालांकि, मीडिया के दबाव में सरकार ने शुक्रवार को उनका नाम सूची से हटा दिया, लेकिन मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी बना दी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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