पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भारत से यूरेनियम आपूर्ति संबंधी समझौता शीघ्र करने के आग्रह पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने घोषणा की है कि वह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भारत को यूरेनियम की आपूर्ति का इच्छुक है।
दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
मोदी ने कहा कि दोनों देश असैन्य परमाणु करार को जल्द से जल्द पूरा करें, जिससे ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में भारत का भागीदार बन सके।
दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद विभिन्न क्षेत्रों में पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो सामाजिक सुरक्षा, कैदियों की अदला बदली, मादक पदार्थों के व्यापार पर लगाम लगाने तथा पर्यटन, कला एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के संबंध रणनीतिक भागीदारी और साझा मूल्यों पर आधारित स्वाभाविक साझेदारी है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कृषि, कृषि प्रसंस्करण, ऊर्जा, वित्त, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग के अपार अवसर हैं।
एबट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, भारत के साथ ऊर्जा, सुरक्षा के अलावा इंटेलिजेंस, सैन्य सहयोग, आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग और द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास में सहयोग करने को इच्छुक है।
एबट ने कहा कि दोनों देशों में कारोबार की काफी संभवनाएं हैं। कारोबार का मतलब रोजगार, कारोबार का अर्थ समृद्धि है। इसका अर्थ यह है कि इससे दोनों देशों में अधिक रोजगार और समृद्धि आएगी।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों को मौजूद अवसरों को ठोस परिणाम में तब्दील करने की जरूरत है। हमने इन विषयों पर बातचीत में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के बाजार तक पहुंच सुलभ करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम 2015 में ऑस्ट्रेलिया में ‘मेक इन इंडिया’ शो का आयोजन करेंगे और ऑस्ट्रेलिया हमारे यहां अगले साल जनवरी में बिजनेस वीक का आयोजन करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम क्रिकेट और हॉकी के अलावा योग के माध्यम से भी लोगों को जोड़ सकते हैं।
मोदी ने कहा कि एक नया सांस्कृतिक समझौता हुआ है, जिसके तहत अगले वर्ष फरवरी तक सिडनी में भारत का सांस्कृतिक केंद्र खोला जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा का समझौता महत्वपूर्ण है, जो विशेष रूप से सेवा क्षेत्र से जुड़ा है। इसके अलावा सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग क्षेत्रीय शांति, विभिन्न देशों के बीच अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
वहीं एबट ने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार संबंध महत्वपूर्ण आयाम है। हम इसमें नया अध्याय जोड़ना चाहते हैं और अपने गर्मजोशी भरे संबंधों को अपने और दुनिया की व्यापक भलाई के लिए और अर्थपूर्ण ढंग से बढ़ाना चाहते हैं।
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