दलाई लामा (फाइल फोटो)
बीजिंग:
चीन के एक सरकारी अखबार ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को 'निर्वासन में रहने वाला एक क्रूर शासक' बताया है। समाचारपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' में मंगलवार को 'रियल तिब्बत कान्ट बी कन्सील्ड बाई दलाईस लाइज' शीर्षक से एक संपादकीय में कहा गया है कि यह साल तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
संपादकीय में लिखा गया है, 'इन बीते वर्षों में जनता की समझ में दो तिब्बत हैं। एक असल तिब्बत है। दूसरा दलाई लामा के गुट और पश्चिमी समझ द्वारा प्रचारित एक काल्पनिक तिब्बत है, जो अक्सर आलोचना करते हैं कि तिब्बत जैसा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राज में हुआ करता था, वैसा नहीं है।'
चीन की मीडिया अक्सर दलाई लामा को खरी-खोटी सुनाती है। समाचारपत्र ने अपने संपादकीय में कहा कि 'काल्पनिक तिब्बत का वजूद नहीं है, लेकिन पश्चिमी मीडिया और दलाई लामा की शह पर इस तिब्बत का अंतरराष्ट्रीय समझ में एक निश्चित प्रभाव है' और यह 'आधुनिक दुनिया में सबसे लंबा चलने वाला झूठ है।'
संपादकीय में लिखा गया है, 'इन बीते वर्षों में जनता की समझ में दो तिब्बत हैं। एक असल तिब्बत है। दूसरा दलाई लामा के गुट और पश्चिमी समझ द्वारा प्रचारित एक काल्पनिक तिब्बत है, जो अक्सर आलोचना करते हैं कि तिब्बत जैसा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के राज में हुआ करता था, वैसा नहीं है।'
चीन की मीडिया अक्सर दलाई लामा को खरी-खोटी सुनाती है। समाचारपत्र ने अपने संपादकीय में कहा कि 'काल्पनिक तिब्बत का वजूद नहीं है, लेकिन पश्चिमी मीडिया और दलाई लामा की शह पर इस तिब्बत का अंतरराष्ट्रीय समझ में एक निश्चित प्रभाव है' और यह 'आधुनिक दुनिया में सबसे लंबा चलने वाला झूठ है।'
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