पांच गोलियां लगने के बाद भी हथिनी ने दिया बच्चा, लेकिन ऐसे हारी ज़िंदगी की जंग...रुला देगी यह कहानी

शिकारियों की तरफ से हाथी दांत के लिए हो रहे उस संहार में (massacre of elephants for ivory), हथिनी मानसून (Monsoon) ने भी अपने दो बच्चे गंवाए थे. विशेषज्ञों को लगता था कि वो गोली लगने के सदमे के बाद फिर कभी बच्चे नहीं पैदा कर पाएगी. लेकिन फिर...

पांच गोलियां लगने के बाद भी हथिनी ने दिया बच्चा, लेकिन ऐसे हारी ज़िंदगी की जंग...रुला देगी यह कहानी

हथिनी मानसून को शिकारियों ने पांच बार गोली मारी थी... (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शिकारियों (Poachers) की पांच गोलियां लगने के बाद भी बच्चे को जन्म देने वाली अफ्रीकी हथिनी (African Elephant) की केन्या में मौत हो गई है. वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. "मानसून" (Monsoon) नाम की इस हथिनी ने जीवन के लिए सभी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया लेकिन आखिरकार अकाल (Drought) के सामने हार गई. केन्या (Kenya) का उत्तरी हिस्सा 40 सालों के सबसे भयंकर सूखे का सामना कर रहा है. इसी के चलते यह हथिनी कई बार तबियत बिगड़ने के कारण बेहोश होकर गिर पड़ी थी...लेकिन फिर उसे पशुचिकित्सकों ने एक इंजेक्शन देकर 'हमेशा के लिए चैन की नींद' सुलाने का मुश्किल फैसला लिया. यह मादा हथिनी 60 साल की उम्र में अपने जीवन के आखिरी पड़ाव पर थी. जंगली हाथियों के जीने की यह सबसे अधिक उम्र होती है.    

सेव द एलीफेंट्स (Save the Elephants) नाम की केन्या की वन्यजीव संरक्षण संस्था की विज्ञप्ति ने बताया, " ऐसा माना गया कि अधिक उम्र के कारण उसकी तबियत खराब हो रही थी जो सूखे के कारण और बिगड़ गई."

सात बच्चों की मां मानसून ने करीब एक दशक पहले शिकारियों के हमले का भी सामना किया. उसे पांच बार गोली मारी गई थी. उस दौरान अफ्रीका में शिकारियों का दबदबा बढ़ रहा था और इससे अफ्रीका के जंगली हाथियों की जनसंख्या तेजी से घट रही थी.  

हाथी दांत की थोक बिक्री के लिए हुए उस संहार में मानसून ने भी अपने दो बच्चे गंवाए थे. वैज्ञानिकों को लगता था कि वो गोली लगने के सदमे के बाद फिर कभी बच्चे नहीं पैदा कर पाएगी लेकिन इसके नौ साल बाद 2018 में हथिनी मानसून ने सांब्रू में फिर से एक बच्चे को जन्म दिया था.  

ये पहली बार नहीं था जब मानसून ने एक्सपर्ट्स को गलत साबित किया था.  साल 2006 में जब सेव द एलिफेंट्स ने एक स्टडी पब्लिश की थी कि हाथी खड़ी ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचते हैं, तब मानसून अपने परिवार को सुरक्षा के लिए सांब्रू के सबसे बड़े पहाड़ पर ले गई थी.  

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

लेकिन केन्या, सोमालिया, इथोपिया में पिछले चार साल से बरसात का मौसम सूखे में गुजर गया.  इस अभूतपूर्व पर्यावरण बदलाव ने इस हॉर्न ऑफ अफ्रीका कहे जाने वाले इलाके में लाखों लोगों को अत्यंत गरीबी में धकेल दिया है. लंबे अकाल के कारण बूढ़े और बच्चे हाथी सबसे अधिक अपनी जान गंवा रहे हैं.