प्रतीकात्मक फोटो.
वाशिंगटन:
अमेरिकी कांग्रेस की एक शक्तिशाली समिति ने अमेरिका के रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री से कहा है कि वे भारत के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने की कोशिश के तहत उसे अमेरिका के बड़े रक्षा साझीदार के रूप में मान्यता देने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
‘618 अरब अमेरिकन डॉलर के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन बिल’ (एनडीएए) पर कांग्रेस के सम्मेलन की 3000 से अधिक पृष्ठों वाली रिपोर्ट में उल्लिखित प्रावधान में रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री से इस बारे में मूल्यांकन करने को कहा गया है कि भारत के पास दोनों देशों के बीच आपसी हित के सैन्य अभियानों को करने और उन्हें समर्थन देने के लिए कितनी क्षमताएं हैं.
सम्मेलन की इस रिपोर्ट का अनावरण हाउस एंड सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी ने कल किया. इसमें रक्षा निर्यात पर नियंत्रण संबंधी नियमों एवं नीतियों के मूल्यांकन की बात की गई है. इसमें कहा गया है कि बड़े रक्षा साझीदार के रूप में भारत के दर्जे एवं भारत की क्षमताओं को मान्यता देने के लिए उचित बदलाव करने की आवश्यकता है.
अब इसे कांग्रेस के दोनों सदनों-प्रतिनिधि सभा एवं सीनेट में औपचारिक रूप से पारित कराए जाने की आवश्यकता है जिसके बाद इसे कानून में तब्दील होने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी.
हालांकि एनडीएए के ‘‘भारत के साथ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने’’ संबंधी सेक्शन 1292 के अधिकतर निर्णय आगामी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन लेगा. ट्रंप प्रशासन 20 जनवरी से कार्यभार संभालेगा. सीनेटर एवं सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष जॉन मैकेन ने कहा कि ‘‘इससे भारत एवं अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग’’ बढ़ेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
‘618 अरब अमेरिकन डॉलर के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन बिल’ (एनडीएए) पर कांग्रेस के सम्मेलन की 3000 से अधिक पृष्ठों वाली रिपोर्ट में उल्लिखित प्रावधान में रक्षा मंत्री एवं विदेश मंत्री से इस बारे में मूल्यांकन करने को कहा गया है कि भारत के पास दोनों देशों के बीच आपसी हित के सैन्य अभियानों को करने और उन्हें समर्थन देने के लिए कितनी क्षमताएं हैं.
सम्मेलन की इस रिपोर्ट का अनावरण हाउस एंड सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी ने कल किया. इसमें रक्षा निर्यात पर नियंत्रण संबंधी नियमों एवं नीतियों के मूल्यांकन की बात की गई है. इसमें कहा गया है कि बड़े रक्षा साझीदार के रूप में भारत के दर्जे एवं भारत की क्षमताओं को मान्यता देने के लिए उचित बदलाव करने की आवश्यकता है.
अब इसे कांग्रेस के दोनों सदनों-प्रतिनिधि सभा एवं सीनेट में औपचारिक रूप से पारित कराए जाने की आवश्यकता है जिसके बाद इसे कानून में तब्दील होने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी.
हालांकि एनडीएए के ‘‘भारत के साथ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने’’ संबंधी सेक्शन 1292 के अधिकतर निर्णय आगामी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन लेगा. ट्रंप प्रशासन 20 जनवरी से कार्यभार संभालेगा. सीनेटर एवं सीनेट की शक्तिशाली विदेशी संबंध समिति के अध्यक्ष जॉन मैकेन ने कहा कि ‘‘इससे भारत एवं अमेरिका के बीच सुरक्षा सहयोग’’ बढ़ेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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