मुल्ला मंसूर की तस्वीर
वाशिंगटन:
अफगान तालिबान के प्रमुख मुल्ला मंसूर की शनिवार देर रात को पाकिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में मारे जाने की खबर है। अमेरिकी अधिकारी ने 'सीएनएन' को बताया कि ये हमले शनिवार को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के दूरवर्ती क्षेत्र में किए गए। अधिकारी का कहना है कि ये हवाई हमले मंसूर को निशाना बनाकर किए गए थे। इस हमले में मंसूर के साथ वाहन में सवार एक अन्य शख्स के भी मरने की खबर है।
ओबामा ने दी थी हवाई हमलों को मंजूरी
अमेरिकी अधिकारी अभी भी इसका आकलन कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि ये हवाई हमले अमेरिका के विशेष ऑपरेशन्स बलों के तहत विभिन्न मानवरहित विमानों द्वारा किए गए। इसमें सामूहिक क्षति नहीं पहुंची है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हवाई हमलों को मंजूरी दी थी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में भी हवाई हमले की पुष्टि की गई, लेकिन इसमें मंसूर के मरने की पुष्टि नहीं हुई है।
तालिबान का नेता रहा है मंसूर
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव पीटर कुक ने जारी बयान में कहा कि मंसूर तालिबान का नेता रहा है और वह काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जो अफगानिस्तान के नागरिकों, सुरक्षाबलों, हमारे सुरक्षाकर्मियों और गठबंधन सहयोगियों के लिए खतरा बना रहा।
बयान के मुताबिक, मंसूर अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति एवं सुलह प्रक्रिया में बाधक रहा है। वह तालिबान के नेताओं को अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होने से रोकता रहा।
ओबामा ने दी थी हवाई हमलों को मंजूरी
अमेरिकी अधिकारी अभी भी इसका आकलन कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि ये हवाई हमले अमेरिका के विशेष ऑपरेशन्स बलों के तहत विभिन्न मानवरहित विमानों द्वारा किए गए। इसमें सामूहिक क्षति नहीं पहुंची है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हवाई हमलों को मंजूरी दी थी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में भी हवाई हमले की पुष्टि की गई, लेकिन इसमें मंसूर के मरने की पुष्टि नहीं हुई है।
तालिबान का नेता रहा है मंसूर
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रेस सचिव पीटर कुक ने जारी बयान में कहा कि मंसूर तालिबान का नेता रहा है और वह काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जो अफगानिस्तान के नागरिकों, सुरक्षाबलों, हमारे सुरक्षाकर्मियों और गठबंधन सहयोगियों के लिए खतरा बना रहा।
बयान के मुताबिक, मंसूर अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति एवं सुलह प्रक्रिया में बाधक रहा है। वह तालिबान के नेताओं को अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होने से रोकता रहा।
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