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This Article is From Sep 29, 2018

UNGA: संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को जमकर लगाई लताड़, कही यह बात...

अपने संबोधन के दौरान सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जिसे आतंकवाद फैलाने के साथ-साथ अपने किए को नकारने में भी महारथ हासिल है.

UNGA: संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को जमकर लगाई लताड़, कही यह बात...
संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज.
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 73वें सत्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला. उन्होंने लताड़ लगाते हुए पाकिस्तान पर भारत में आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया. सुषमा स्वराज ने कहा कि न्यूयॉर्क में 9/11 की घटना और मुंबई में 26/11 की घटना ने शांति की उम्मीदों को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत इसका शिकार हो रहा है और भारत में आतंकवाद की चुनौती हमारे पड़ोसी देश के अलावा किसी और से नहीं आ रही है. अपने संबोधन के दौरान सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जिसे आतंकवाद फैलाने के साथ-साथ अपने किए को नकारने में भी महारथ हासिल है.

सुषमा स्वराज ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद को दुनिया के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौतियां बताया. पाकिस्तान द्वारा बातचीत के ऑफर पर सुषमा ने कहा कि भारत हमेशा बातचीत से मुद्दों को सुलझाने का पैरोकार रहा है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा धोखा देता है. उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि बातचीत से जटिल से जटिल मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं, पाक के साथ वार्ताओं के दौर चले हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान की हरकतों के चलते बातचीत रुकी.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भाषण के दौरान इंडोनेशिया में आए भूकंप का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया भूकंप और सुनामी से प्रभावित हुआ है. मैं, भारत की तरफ से, आपदा के लिए इंडोनेशिया सरकार और लोगों के प्रति शोक व्यक्त करती हूं. इस आपदा का सामना करने के लिए मैं इंडोनेशिया को आश्वासन देती हूं. विदेश मंत्री ने अपने भाषण में आयुष्‍मान भारत, उज्‍जवला योजना, जन धन खाते, मातृत्‍व योजना का भी जिक्र किया. 

सुषमा स्वराज ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की बुनियाद है परिवार. और परिवार प्यार से चलता है, व्यापार से नहीं. परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं. परिवार संवेदना से चलता है, ईर्ष्या से नहीं. परिवार सुलह से चलता है, कलह से नहीं, इसीलिए हमें संयुक्त राष्ट्र को परिवार के सिद्धांत पर चलाना होगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को स्वीकार करना होगा कि इसे मौलिक सुधार की जरूरत है. सुधार कॉस्मेटिक नहीं हो सकता है. सुधार आज शुरू होना चाहिए, क्योंकि कल बहुत देर हो सकती है.

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