अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर का फाइल फोटो...
वॉशिंगटन:
अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी स्तर की बैठकों के लिए अपना समर्थन जाहिर करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी वार्ता इन दोनों पड़ोसी देशों और पूरे क्षेत्र के लिए अच्छी है.
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसे हर प्रयास का पुरजोर समर्थन करते हैं, जो एक ज्यादा स्थायी और समृद्ध क्षेत्र के लिए योगदान दे सकता है. इन प्रयासों में भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच किसी भी स्तर की बैठक भी शामिल है'. उन्होंने कल कहा, 'लंबे समय से हमारा रूख यही रहा है कि संबंधों के सामान्य होने से और व्यावहारिक सहयोग से भारत और पाकिस्तान दोनों को लाभ मिलना है, इसलिए हम इस बात को प्रोत्साहित करते हैं कि दोनों देश तनाव घटाने के उद्देश्य से सीधी वार्ता में शामिल हों'.
विदेश मंत्रालय के इस बयान से कुछ ही दिन पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. भारत ने इस बात पर जोर दिया था कि वह सीमा पार से होने वाले आतंकवाद से जुड़े पहलुओं पर चर्चा करेगा, जोकि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के केंद्र में है.
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के निमंत्रण पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने 17 अगस्त को इस्लामाबाद जाने की अपनी इच्छा जताई, लेकिन साथ में यह भी कहा कि सीमापार से होने वाले आतंकवाद और घुसपैठ को खत्म करने के अलावा जम्मू-कश्मीर की स्थिति के किसी भी पहलू पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के पास कोई अधिकार नहीं है. यह भारत का आंतरिक मामला है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, 'हम भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसे हर प्रयास का पुरजोर समर्थन करते हैं, जो एक ज्यादा स्थायी और समृद्ध क्षेत्र के लिए योगदान दे सकता है. इन प्रयासों में भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच किसी भी स्तर की बैठक भी शामिल है'. उन्होंने कल कहा, 'लंबे समय से हमारा रूख यही रहा है कि संबंधों के सामान्य होने से और व्यावहारिक सहयोग से भारत और पाकिस्तान दोनों को लाभ मिलना है, इसलिए हम इस बात को प्रोत्साहित करते हैं कि दोनों देश तनाव घटाने के उद्देश्य से सीधी वार्ता में शामिल हों'.
विदेश मंत्रालय के इस बयान से कुछ ही दिन पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. भारत ने इस बात पर जोर दिया था कि वह सीमा पार से होने वाले आतंकवाद से जुड़े पहलुओं पर चर्चा करेगा, जोकि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति के केंद्र में है.
पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी के निमंत्रण पर विदेश सचिव एस जयशंकर ने 17 अगस्त को इस्लामाबाद जाने की अपनी इच्छा जताई, लेकिन साथ में यह भी कहा कि सीमापार से होने वाले आतंकवाद और घुसपैठ को खत्म करने के अलावा जम्मू-कश्मीर की स्थिति के किसी भी पहलू पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के पास कोई अधिकार नहीं है. यह भारत का आंतरिक मामला है.
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