नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रिश्तेदारों की कथित जासूसी से जुड़े विवाद के बीच उनके पोते ने कहा कि वह जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पर मांग करेंगे कि इस महान स्वतंत्रा सेनानी से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया जाए।
बोस के पोते सूर्य कुमार बोस ने कहा, 'सुभाष बोस केवल अपने परिवार के ही नहीं हैं। उन्होंने खुद कहा था कि सारा देश उनका परिवार है। मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ उनके परिवार का कर्तव्य है कि वह इस मुद्दे (गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने) को उठाए।'
नेताजी के भतीजे अर्धेंदु बोस ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह काफी कड़वी बात है कि वे (परिवार के सदस्यों पर) नजर रखे हुए हैं।' उन्होंने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि खुफिया सेवाओं और विदेशों में राजनयिकों से कहा गया है कि वे यह नजर रखें कि वे (नेताजी के संबंधी) क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इससे संभवत: साबित होता है कि उन्हें मालूम है कि नेताजी का निधन नहीं हुआ है। वे जानते हैं कि विमान दुर्घटना में वह नहीं मारे गए हैं।'
अर्धेंदु ने कहा, 'परिवार ठगा सा महसूस कर रहा है। सच सामने आना चाहिए। सब उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार सचाई सामने लाएगी।' सूर्य ने कहा, 'यह भारत की जनता का कर्तव्य है कि वे इस मामले को उठाएं। अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी से कुछ मिनट के लिए बात करने का मौका मिला तो निश्चित रूप से इस मामले को उठाउंगा।'
हैमबर्ग में भारत-जर्मन संघ के अध्यक्ष सूर्य को सोमवार को भारतीय दूतावास में आयोजित मोदी के स्वागत कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।
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