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This Article is From Jan 26, 2014

भारत और जापान के मजबूत रिश्ते 'चमत्कार' कर सकते हैं : जापानी प्रधानमंत्री

भारत और जापान के मजबूत रिश्ते 'चमत्कार' कर सकते हैं : जापानी प्रधानमंत्री
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

जापान ने भारत के साथ ऊर्जा, कृषि और दवाओं के क्षेत्र में बेहतर संबंधों पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि एशिया के ये दो मजबूत राष्ट्र आपस में आर्थिक सहयोग बढ़ाकर चमत्कार कर सकते हैं।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने आज यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों के साथ आयोजित बैठक में कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिये काफी संभावनायें हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों एसोचैम, सीआईआई और फिक्की की बैठक में एबे ने कहा 'मजबूत भारत और मजबूत जापान दोनों साथ हो सकते हैं और मेरा मानना है कि हम ऐसा करके चमत्कार कर सकते हैं .. मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए व्यापक संभावनायें मौजूद हैं।'

जापान के प्रधानमंत्री कल होने जा रही गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से आए उद्यमी शामिल हैं। इसमें उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों के उद्यमी भी शामिल है और उनके पास भारत के समक्ष पेशकश के लिए काफी कुछ है।

एबे ने कहा 'ऐसा नहीं है कि केवल भारत को ही जापान की जरूरत है .. जापान को भी भारत की आवश्यकता है ... जापान को मानव संसाधन की आवश्यकता है जो कि आपके पास है और मेरा आपसे आग्रह है कि आप जापन की यात्रा पर आइये और स्वयं उस प्रौद्योगिकी को देखें जो जापान आपको पेश कर सकता है।'

उन्होंने कहा कि दवाओं के अलावा जापान के पास कृषि क्षेत्र से जुड़ी प्रौद्योगिकी भी है जिसमें दोनों देशों के बीच गठबंधन की संभावनायें हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में जापान के पास सक्षम प्रौद्योगिकी है जो कि कार्बनडाईऑक्साई उत्सर्जन को कम कर सकती है।

दोनों देशों के बीच वर्ष 2011 में व्यापक मुक्त व्यापार समझौता लागू हो चुका है। जापान भारत को उसकी बुनियादी सुविधाओं को आधुनिक बनाने में सहयोग दे रहा है। जापान भारत में दिल्ली-मुंबई औद्योगिकी गलियारे के विकास में भी मदद कर रहा है।

भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार का झुकाव जापान के पक्ष में है। वर्ष 2012-13 में दोनों देशों के बीच 18.51 अरब डॉलर का व्यापार हुआ जबकि एक साल पहले यह 18.32 अरब डॉलर रहा था।

भारत में जापान से अप्रैल 2000 से अक्तूबर 2013 के बीच 15 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ जो कि देश में प्राप्त कुल प्रत्यक्ष विदेश निवेश का सात प्रतिशत रहा है।

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