रानिल विक्रमसिंघे (फाइल फोटो)
कोलंबो:
श्रीलंका में संसदीय चुनाव में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ युनाइटेड नेशनल फ्रंट (यूएनएफ) की जीत लगभग स्पष्ट हो गई है। मंगलवार को सामने आए नतीजों के बाद यूएनएफ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने अपनी हार स्वीकार कर ली। रानिल विक्रमसिंघे का एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो गया है।
विक्रमसिंघे ने नतीजों का रुझान साफ होने के बाद कहा, "आइए हम मिलकर एक सभ्य समाज बनाएं, एक सहमति की सरकार का गठन करें और एक ऐसा नया राष्ट्र बनाएं जहां सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध हों।" देश की मौजूदा अल्पमत सरकार में प्रमुख घटक युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने भरोसा जताया है कि अगली सरकार गठन के लिए 225 सदस्यीय संसद में उसे पर्याप्त सीटें मिल जाएंगी।
अभी तक के नतीजों के मुताबिक, यूएनएफ के मुख्य घटक यूएनपी को 93 सीटों पर जीत मिल चुकी है। महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाले युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) को 83 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। यूएनपी के लिए चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे मंत्री कारू जयसूर्या ने कहा कि यूएनएफ 105-107 सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है और सरकार बनाने के लिए उसे सहयोगी दलों का समर्थन प्राप्त है। सरकार बनाने के लिए जरूरी 113 सांसदों की ताकत उसे मिल जाएगी।
यूएनपी नेता जॉन अमरतुंगा ने गमपाहा संसदीय सीट जीतने के बाद कहा, "हम अपना वादा पूरा करना चाहते हैं और देश का विकास करना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि विक्रमसिंघे मंगलवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। यूएनपी को 14 सालों में पहली बार गमपाहा सीट पर जीत हासिल हुई है, जो जनता के रुझान में आए बड़े बदलाव का स्पष्ट संकेत है। इस चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को कराए गए संसदीय चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली।
राजपक्षे ने समाचार एजेंसी 'एएफपी' से कहा, "प्रधानमंत्री बनने का मेरा सपना चूर हो गया। मैं स्वीकार करता हूं कि हम एक अच्छी लड़ाई हार गए हैं।" निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि अब तक घोषित नतीजों के मुताबिक यूएनपी 22 में से 11 जिलों में विजयी रही है। यूपीएफए ने आठ और तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में तीन जिलों में जीत दर्ज की है। यूपीएफए को ज्यादातर सिंहली बहुल इलाकों में जीत मिली है, जिनमें राजपक्षे परिवार का गढ़ हंबनटोटा भी शामिल है।
मतगणना के नतीजों से पता चलता है कि यूएनएफ ने उन जिलों में भी इस दफा अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर राजनीति का कायापलट कर दिया है, जहां जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की स्थिति मजबूत थी। जाफना एवं वान्नी जिलों में लोगों ने टीएनए को वोट दिया, जो विक्रमसिंघे को समर्थन दे सकता है।
विक्रमसिंघे ने लोगों से विजेता और पराजित के रूप में नहीं बंटने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सभी लोग एक परिवार की तरह मिलकर काम करे, ताकि श्रीलंका को विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सके और देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत हो सके।
विक्रमसिंघे ने नतीजों का रुझान साफ होने के बाद कहा, "आइए हम मिलकर एक सभ्य समाज बनाएं, एक सहमति की सरकार का गठन करें और एक ऐसा नया राष्ट्र बनाएं जहां सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध हों।" देश की मौजूदा अल्पमत सरकार में प्रमुख घटक युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने भरोसा जताया है कि अगली सरकार गठन के लिए 225 सदस्यीय संसद में उसे पर्याप्त सीटें मिल जाएंगी।
अभी तक के नतीजों के मुताबिक, यूएनएफ के मुख्य घटक यूएनपी को 93 सीटों पर जीत मिल चुकी है। महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाले युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) को 83 सीटों पर ही जीत मिल सकी है। यूएनपी के लिए चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे मंत्री कारू जयसूर्या ने कहा कि यूएनएफ 105-107 सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है और सरकार बनाने के लिए उसे सहयोगी दलों का समर्थन प्राप्त है। सरकार बनाने के लिए जरूरी 113 सांसदों की ताकत उसे मिल जाएगी।
यूएनपी नेता जॉन अमरतुंगा ने गमपाहा संसदीय सीट जीतने के बाद कहा, "हम अपना वादा पूरा करना चाहते हैं और देश का विकास करना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि विक्रमसिंघे मंगलवार को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। यूएनपी को 14 सालों में पहली बार गमपाहा सीट पर जीत हासिल हुई है, जो जनता के रुझान में आए बड़े बदलाव का स्पष्ट संकेत है। इस चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को कराए गए संसदीय चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली।
राजपक्षे ने समाचार एजेंसी 'एएफपी' से कहा, "प्रधानमंत्री बनने का मेरा सपना चूर हो गया। मैं स्वीकार करता हूं कि हम एक अच्छी लड़ाई हार गए हैं।" निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि अब तक घोषित नतीजों के मुताबिक यूएनपी 22 में से 11 जिलों में विजयी रही है। यूपीएफए ने आठ और तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में तीन जिलों में जीत दर्ज की है। यूपीएफए को ज्यादातर सिंहली बहुल इलाकों में जीत मिली है, जिनमें राजपक्षे परिवार का गढ़ हंबनटोटा भी शामिल है।
मतगणना के नतीजों से पता चलता है कि यूएनएफ ने उन जिलों में भी इस दफा अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर राजनीति का कायापलट कर दिया है, जहां जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे की स्थिति मजबूत थी। जाफना एवं वान्नी जिलों में लोगों ने टीएनए को वोट दिया, जो विक्रमसिंघे को समर्थन दे सकता है।
विक्रमसिंघे ने लोगों से विजेता और पराजित के रूप में नहीं बंटने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सभी लोग एक परिवार की तरह मिलकर काम करे, ताकि श्रीलंका को विकास के पथ पर आगे ले जाया जा सके और देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत हो सके।
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