श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंकाई जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी 98 भारतीय मछुआरों को रिहा करने का आज आदेश दे दिया।
राजपक्षे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पर कल मतदान से भारत के अलग रहने से प्रसन्न होकर यह आदेश दिया है।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता विजयनंदा हेरात ने कहा, राष्ट्रपति ने सुबह सभी मछुआरों की रिहाई का आदेश दे दिया। हेरात ने कहा, 98 मछुआरों को रिहा करने के साथ 62 नौकाओं को भी छोड़ा जाएगा। राष्ट्रपति के निर्देश अटॉर्नी जनरल और मत्स्य मामलों के मंत्रालय भेजे दिए गए हैं ताकि उनकी रिहाई के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा सकें। श्रीलंकाई नौसेना की ओर से भारतीय मछुआरों को बार बार गिरफ्तार किया जाना द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी अड़चन बन गया है।
भारत उन 12 देशों में शामिल है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें श्रीलंका के कथित मानवाधिकार उत्पीड़न की अंतरराष्ट्रीय जांच की बात कही गई है।
राजपक्षे ने भारत के मतदान में हिस्सा नहीं लेने को बहुत स्वागत योग्य और महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताते हुए इसकी प्रशंसा की।
भारत ने इससे पहले 2012 और 2013 में अमेरिका की ओर से पेश प्रस्तावों का समर्थन किया था। श्रीलंका के विदेश मंत्री जी एल पेइरिस ने भी भारत के रुख की प्रशंसा की है।
उन्होंने कहा, भारत ने 2012 और 2013 में अमेरिका के समर्थन में मतदान किया था। वे इस बार इससे अलग रहे। यह एक बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।
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