जरूरी चीजों की कमी के कारण श्रीलंका के लोग भारत की ओर रुख कर रहे (प्रतीकात्मक फोटो)
Economic crisis in Sri Lanka: पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है.देश में इलेक्ट्रिसिटी ब्लैकआउट और जरूरी चीजों की भारी कमी के कारण प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस स्थिति में यहां के लोग भारत की ओर रुख कर रहे हैं.
- भारतीय तटरक्षक बलों ने मंगलवार को तीन बच्चों सहित 6 श्रीलंकाई नागरिकों को अरेस्ट किया. जो कि श्रीलंका के जाफना और कोकुपडेयन के रहने वाली है और कथित तौर पर बेरोजगारी और खाने की कमी के कारण भाग रहे थे. इन्हें तमिलनाडु में रामेश्वरम के पास एक द्वीप से बचाया गया.
- श्रीलंका में ईंधन संकट इतना गंभीर है कि पेट्रोल पंपों पर सैनिकों की तैनाती के आदेश दिए गए है. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, ईंधन संकट के बीच हजारों वाहन कतार में लगे हैं. इसे लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं.
- पुलिस के अनुसार, तीन बुजुर्ग लोगों की शनिवार से ईंधन के लिए कतार में लगे रहने के दौरान मौत हो गई. विदेशी मुद्रा संकट के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं.
- कोलंबो के बाहर ईंधन के लिए लगी लंबी लाइन में जगह को लेकर हुए विवाद के बाद एक शख्स ने मोटरसाइकिल सवार की चाकू मारकर हत्या कर दी.
- हालात इतने खराब है कि कागज की कमी के चलते श्रीलंका में सभी परीक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए रद्द करना पड़ा है.
- सोशल मीडिया पर शेयर की गई एक घटना के फुटेज में दिखाया गया है कि गुस्साई महिलाओं के एक समूह ने खाना पकाने के चूल्हे के लिए आवश्यक मिट्टी के तेल की कमी का विरोध करने के लिए एक पर्यटक कोच को ब्लॉक कर दिया.
- राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के ऑफिस की ओर से आर्थिक संकट पर चर्चा के लिए सभी राजनैतिक दलों को बुलाया गया है. लेकिन विपक्षी समूह का कहना है कि वो इस बैठक का बहिष्कार करने की योजना बना रहे हैं.
- श्रीलंका के आर्थिक संकट की जड़ में देश में विदेशी मुद्रा की हुई भारी कमी है, जिसकी वजह से व्यापारी आयात का मोल चुका नहीं पा रहे हैं.
- कोविड 19 महामारी ने श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र को पहले ही प्रभावित कर दिया था, जो देश की विदेशी मुद्रा का अहम स्त्रोत था. विदेशों में काम करने वाले श्रीलंकाई लोगों की तरफ से भेजे जाने वाले पैसे में भी तेजी से कमी आई है.
- राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष,IMF से बेलआउट पैकेज की ज़रूरत है. श्रीलंका सरकार पर पहले ही $51 बिलियन का विदेशी कर्जा चढ़ गया है.