अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा साल 2010 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जासूसी की रपट पर बवाल के बीच अमेरिका ने आशा जताई है कि भारत के साथ उसके संबंधों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा से हैं, इसलिए क्या जासूसी कांड का अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ेगा, इस सवाल के जवाब में विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, "हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा।"
राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा मोदी को अमेरिका आने के न्योते का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं कि मोदी को अमेरिका आने के लिए पहले ही न्योता दिया जा चुका है और हमें आशा है वे आएंगे।"
साकी ने कहा, "हम द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों की एक पूरी शृंखला पर चर्चा जारी रखने के लिए तत्पर हैं।"
साकी ने हालांकि कथित जासूसी कांड पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, "अमेरिकी दूतावास के राजनयिकों और भारतीय विदेश मंत्रालय से उनके समकक्ष के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई है, लेकिन मैं निजी तौर पर हुई उस बातचीत के बारे में कुछ नहीं कहूंगी।"
जब उनसे पूछा गया कि अमेरिकी राजनयिक और भाजपा नेताओं के बीच नियमित बैठकें हुई थीं, फिर ऐसी निगरानी की क्या आवश्यकता थी, तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि हमने पहले ही इसपर वृहद बातचीत की है।
उन्होंने कहा, "इस मामले में राष्ट्रपति का भाषण और टिप्पणियां, अपनी नीतियों को बदलने के लिए हमलोगों ने क्या-क्या कदम उठाए हैं आपसे साझा करूंगी। इसके अलावा, इस मुद्दे पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कहने जा रही।"
अमेरिका द्वारा भारत को भविष्य में इस तरह की जासूसी नहीं करने को लेकर आश्वस्त करने के सवाल पर टिप्पणी से साकी ने इनकार कर दिया।
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