लंदन:
संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में तैनात अनेक ब्रिटिश सैनिक एक बीमा नीति के तहत अपने मारे जाने या घायल होने की स्थिति के लिहाज से अपने शुक्राणु संरक्षित कर रहे हैं। द सन की खबर के अनुसार ब्रिटिश सेना ने एक निजी प्रतिष्ठान को बीमा नीति के तौर पर वीर्य के नमूने संरक्षित करने का काम सौंपा है, ताकि अगर ये सैनिक मारे जाते हैं या फिर पिता नहीं बन सकते, तो उनकी पत्नियां इनके माध्यम से अपनी संतान को जन्म दे सकें। इस कवायद से पहले रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में परामर्श दिया था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से अखबार ने लिखा है, रक्षा मंत्रालय सभी जवानों को तैनाती से पहले अपने शुक्राणु संरक्षित करने की सलाह देता है। 28 साल के एक सैनिक की पत्नी ने कहा, आप जो सोचते हैं, यह प्रक्रिया उससे काफी आम है। सैनिकों की पत्नियों और प्रेमिकाओं को पहले से ही इस स्थिति के लिए तैयार रहना पड़ता है, जबकि उनके जीवनसाथी घर वापस नहीं आ रहे हों। इससे उनके जीवन में बच्चों का सपना भी धूमिल हो जाता है। उसने कहा, यदि मेरे पति की मौत हो जाती है, तो उन्होंने हमारे बच्चे के लिए अपने शुक्राणु इस्तेमाल करने की अनुमति मुझे दी है। यह एक बीमा नीति है।
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