
स्पेसएक्स के स्टारशिप कार्यक्रम को बुधवार को एक और झटका लगा. स्टारशिप की नौंवी टेस्ट फ्लाइट भी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी और लॉन्चिंग के करीब 20 मिनट बाद ही स्टारशिप पर से नियंत्रण खो गया. इसके बाद यह हिंद महासागर के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल में लौटते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप की नौंवी टेस्ट फ्लाइट टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च की गई थी. इसे इलॉन मस्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. पहले भी इसकी टेस्ट फ्लाइट असफल हो चुकी हैं.
स्टारशिप के जरिए इलॉन मस्क की कोशिश चांद-मंगल पर लोगों को बसाने के सपने को पूरा करने की है. इस कार्यक्रम का नाम ‘रोड टु मेकिंग लाइफ मल्टीप्लैनेरी' है. मस्क ने सोमवार को कहा था कि स्टारशिप मंगल ग्रह की यात्रा 6 महीने में कर सकता है, जबकि पहले यह सोचा जा रहा था कि इसमें 10 साल लगेंगे.
Starship launch in ~17 minutes! https://t.co/ahVwCS9dCN
— Elon Musk (@elonmusk) May 27, 2025
सिर्फ 6 महीने में मंगल यात्रा
‘रोड टु मेकिंग लाइफ मल्टीप्लैनेटरी' के तहत मस्क अपने सपने को पूरा करने वाले हैं. स्टारशिप फ्लाइट 9, स्पेसएक्स का वह मेगारॉकट है जिसे मंगल के अलावा चांद की यात्रा के लिए भेजा जाएगा. बोका चिका से लॉन्च विंडो को खोला गया जो दक्षिणी टेक्सास के एक गांव के पास है.
दुनिया सबसे बड़ा रॉकेट
स्टारशिप को स्टारशिप मेगा रॉकेट के नाम से जाना जाता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा और शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल है. इसे धरती की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे तक क्रू और कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट से बना एक रियूजेबल सिस्टम है. साथ ही धरती पर प्वाइंट-टू-प्वाइंट ट्रांसपोर्ट में भी सक्षम है. इससे दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे या उससे कम समय में यात्रा की जा सकेगी.
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