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This Article is From Sep 13, 2022

क्यों ख़ास है इस बार की SCO बैठक? PM Modi की चीन, रूस, पाकिस्तान के नेताओं से हो सकती है द्विपक्षीय बात?

SCO 2022 की बैठक ऐसे समय हो रही है जब LAC भारत-चीन (India-China) के बीच बड़े बदलाव हो रहे हैं, रूस (Russia) के राष्ट्रपति पुतिन (Putin) यूक्रेन युद्ध में उलझे हैं, पाकिस्तान में नई सरकार बनी है. नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं.

SCO शिखर सम्मेलन में आठ SCO सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

इस बार की शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (SCO) की बैठक खास होने वाली है. 15-16 सितंबर को उज़बेकिस्तान में होने वाले  SCO शिखर सम्मेलन में आठ SCO सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ  चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) , रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) , पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) , ईरान (Iran) के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी शामिल हैं. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब लद्दाख सीमा पर भारत-चीन के बीच विवाद है. यूक्रेन युद्ध में उलझे हैं पुतिन. पाकिस्तान नई सरकार बनी है. नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस बैठक में शामिल हो रहे हैं.  अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार है. कई देशों के बीच के आपसी समीकरण फिलहाल बदले नजर आ रहे हैं. 

SCO बैठक में खास तौर से रूस, चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों के विशेष मायने हैं. देखना होगा कि इन तीनों देशों के शीर्ष नेताओं के साथ भारत की बात होती है या नहीं.

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और शी चिनफिंग (Xi Jinping) के बीच द्विपक्षीय बातचीत की संभावना?

हाल ही में लद्दाख सीमा पर भारत-चीन की सेनाओं का गोगरा हॉट स्प्रिंग पर डिसएंगेजमेंट पूरा हुआ है.  इसके चलते उम्मीद की जा रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात हो सकती है.  LAC पर शांति बहाली और यथास्तिथि बनाए रखने के लिए भारत और चीन के बीच 1993 और 1996 की संधि हुई थी. उसके बावजूद चीन ने भारतीय इलाके में घुसने की हिमाकत की.  अगर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत होती है तो, ऐसी घटना दोबारा ना हो, यह सुनिश्चित करने पर चर्चा एक अहम मुद्दा होगा.  

क्योंकि शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेश का लक्ष्य आर्थिक मुद्दों पर सेंट्रल एशिया के देशों के बीच सहमति के साथ तरक्की करना है. ऐसे में देखना है कि क्या यह द्विपक्षीय बातचीत होती है.  

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच द्विपक्षीय बातचीत की संभावना? 

रूस के साथ भारत के संबंध जगजाहिर हैं. रूस यूक्रेन युद्ध के बीच रूस भारत को रियायती दरों पर तेल दे रहा है. आगे भी और रियायतों की बात है. रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने अभी तक तटस्थ की भूमिका निभाई है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के साथ कई दौर की फोन पर बातचीत हुई और भारत लगातार शांति के ज़रिए समस्या का समाधान की अपील कर रहा है. अगर रूस के साथ भारत की द्विपक्षीय बातचीत होती है तो दोनों देशों के बीच यही तालमेल देखने को मिल सकता है.  

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और शहबाज़ शरीफ (PM Shehbaz Sharif)  के बीच द्विपक्षीय बातचीत की संभावना? 

जहां तक बात पाकिस्तान की है तो इसकी संभावना काफी कम नज़र आती है. भारत ने पहले ही साफ किया हुआ है कि पाकिस्तान को पहले आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने होंगे तभी भारत पाकिस्तान के साथ औपचारिक बातचीत करेगा. लेकिन यहां देखना होगा कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अनौपचारिक बातचीत होती है कि नहीं. भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत की लंबी तैयारी होती है. पहले कई स्तर की बातचीत होती है.  विदेश मंत्रियों  के बीच बातचीत होती है. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत होती है. 

ऐसे में देखना होगा कि क्योंकि एक मंच पर सभी देश जुट रहे हैं तो इस बात पर पूरी नज़र बनी रहेगी कि किन देशों के बीच शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन की बातचीत से हटकर भारत की द्विपक्षीय बातचीत होती है.  
 

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