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This Article is From Dec 07, 2016

सऊदी अरब में ईरान के लिए जासूसी करने पर 15 लोगों को मौत की सजा

सऊदी अरब में ईरान के लिए जासूसी करने पर 15 लोगों को मौत की सजा
प्रतीकात्मक तस्वीर...
रियाद: सऊदी अरब की एक अदालत ने प्रतिद्वंद्वी देश ईरान के लिए जासूसी करने को लेकर मंगलवार को 15 लोगों को मौत की सजा सुनाई. इस घटनाक्रम से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है. स्थानीय मीडिया और मामले के एक करीबी सूत्र ने यह जानकारी दी.

सूत्र ने कहा कि 15 सऊदी नागरिकों में से अधिकतर देश के शिया अल्पसंख्यक समुदाय के हैं.

मामले में इस साल फरवरी में सुनवाई शुरू हुई थी. इससे पहले शिया मौलवी निम्र अल निम्र की मौत की सजा की तामील किए जाने के विरोध में ईरानी प्रदर्शनकारियों ने ईरान में सऊदी दूतावास और एक वाणिज्य दूतावास जला दिया था, जिसके बाद जनवरी में सऊदी अरब ने ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे. इन लोगों के खिलाफ लगा सबसे गंभीर आरोप घोर राष्ट्रद्रोह का था.

स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि आरोपियों ने गोपनीय रक्षा सूचनाओं का खुलासा किया, क्षति पहुंचाने की, सरकारी विभागों में जासूसों को भर्ती करने की, कूट सूचनाएं भेजने की कोशिश की और देश के शिया बहुल पूर्वी जिले कातिफ में 'दंगों' में मदद की.

अलरियाद अखबार ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि ये 15 लोग 32 लोगों के उस समूह में शामिल हैं, जिनके खिलाफ जासूसी के आरोपों को लेकर मुकदमा चलाया गया. इनमें से कुछ पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी से मिलने का भी आरोप था.

मामले के एक करीबी सूत्र ने कहा कि मौत की सजाओं के खिलाफ अपील की जाएगी. मामले की संवेदनशीलता के कारण सूत्र की जानकारी नहीं दी जा सकती.

समूह के दो लोगों को बरी कर दिया गया, जबकि बाकियों को छह महीने से 25 साल के बीच की जेल की सजा दी गई. इनमें एक ईरानी, एक अफगानी जबकि बाकी सभी सउदी नागरिक हैं. सूत्र ने कहा कि बरी किए गए दो लोगों में से एक विदेशी नागरिक है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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