COVID-19 के खिलाफ रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन का परीक्षण भारत में 100 लोगों पर किया जाएगा. भारतीय केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने गुरुवार को रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को इसकी जानकारी दी है. DCGI ने फार्मास्युटिकल्स कंपनी डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को परीक्षण करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, परीक्षण की तारीख और समय कंपनी द्वारा निर्धारित किया जाएगा. समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने DCGI के हवाले से कहा कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण में जाने से पहले दूसरे चरण में इसके क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे.
पिछले हफ्ते, डीसीजीआई की विशेषज्ञ समिति ने डॉ. रेड्डी की प्रयोगशालाओं को रूसी COVID-19 वैक्सीन- स्पूतनिक वी के दूसरे चरण में भारत में क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति देने की सिफारिश की थी, सरकारी सूत्रों के मुताबिक, "डॉ. रेड्डी लैब ने कहा है कि दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 100 वॉलेंटियर्स और तीसरे चरण के लिए 1400 वॉलेंटियर्स की जरूरत पड़ेगी."
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सरकारी अधिकारी ने कहा, "जब एक बार फ़ार्मा कंपनी दूसरे चरण की सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा जमा कर लेगी, और इसका विश्लेषण विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जाएगा, तब कंपनी तीसरे चरण के परीक्षण के लिए आगे बढ़ सकती है."
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13 अक्टूबर को समाचार एजेंसी एएनआई ने रिपोर्ट दी थी कि डॉ. रेड्डी लैब ने डीसीजीआई में नए प्रोटोकॉल के लिए अप्लाय किया था ताकि रूसी कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण में क्लीनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी ली जा सके. बता दें कि भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डी लैब ने स्पुतनिक वी वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के साथ-साथ इसके डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के साथ हाथ मिलाया है.
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