यूक्रेन को लेकर रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने भी पश्चिमी देशों से आयात होने वाले ज्यादातर खाद्य पदार्थों पर रोक लगा दी। रूस के इस कदम से जहां एक तरफ उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के किसानों को कीमत चुकानी होगी, वहीं रूस के शहरों में इन पदार्थों के स्टोर खाली नजर आ सकते हैं।
रूस की इस घोषणा से संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन देश के नागरिकों की इस मांग पर अमल को तैयार नहीं हैं कि यूक्रेन में सैनिक भेजे जाएं, लेकिन पश्चिमी देशों के साथ आर्थिक लड़ाई में वह अपने देश को नुकसान पहुंचाने को तैयार हैं।
रूस ने अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और नार्वे से मांस, मछली, दूध और दुग्ध उत्पादों, फल एवं सब्जियों के आयात पर रोक लगा दी। रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवेदेव ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
मेदवेदेव ने यह भी कहा है कि रूस पश्चिम देशों के विमानों को रूस के ऊपर से उड़ने पर रोक लगाने के बारे में विचार कर रहा है। पश्चिमी देशों से एशिया के लिए होने वाली उड़ानों को भी रूस के ऊपर से उड़ने पर रोक लग सकती है। यदि ऐसा होता है, तो पश्चिमी देशों की उड़ानों की लागत बढ़ जाएगी और समय भी अधिक लगेगा।
उन्होंने कहा कि इस बारे में हालांकि अभी निर्णय नहीं लिया गया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ, यूक्रेन में विरोधियों को समर्थन को लेकर रूस से नाराज हैं। यूक्रेन के क्रिमियन द्वीप को मार्च में उससे अलग करने में रूसी समर्थक अलगाववादियों का हाथ होने का आरोप है। उनका कहना है कि रूस अलगाववादियों को हथियार और विशेषज्ञ सलाह दे रहा है। उन्होंने रूस के कई लोगों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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