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This Article is From Feb 16, 2020

इराक की राजधानी में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट अटैक, जांच में जुटी US आर्मी

इराक (Iraq) की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy In Iraq) के पास हमले की खबर मिल रही है. वहां एक के बाद एक कई रॉकेट दागे गए.

इराक की राजधानी में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट अटैक, जांच में जुटी US आर्मी
अमेरिकी सेना पता लगा रही है कि इस हमले को किसने अंजाम दिया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बगदाद:

इराक (Iraq) की राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy In Iraq) के पास हमले की खबर मिल रही है. वहां एक के बाद एक कई रॉकेट दागे गए. फिलहाल हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. जिस ग्रीन जोन क्षेत्र में हमला किया गया, वहां पर सरकारी इमारतें और दूतावास स्थित हैं. अमेरिकी सेना के अधिकारी इसका पता लगे हैं कि इस हमले को किसने अंजाम दिया है. अक्टूबर 2019 के बाद से अमेरिकी ठिकानों पर हमले का यह 19वां मामला है. बीते शुक्रवार भी इराक में अमेरिका के सैन्य ठिकाने पर रॉकेट से हमला किया गया था.

कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हमले से पहले ग्रीन जोन एरिया में एयरक्राफ्ट भी देखे गए. फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है. बता दें कि अमेरिका ने हवाई हमले में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के मुखिया और उसकी क्षेत्रीय सुरक्षा व्यवस्था के आर्किटेक्ट जनरल कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) की हत्या कर दी थी. जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया था.

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ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की बात कहते हुए घटना के दो दिन बाद इराक स्थित अमेरिकी ठिकानों पर दर्जनों रॉकेट से हमला किया था. ईरानी मीडिया ने दावा किया था कि इस हमले में US के 80 से ज्यादा सैनिक मारे गए, हालांकि अमेरिका ने इस बात का खंडन किया था. ईरान ने कहा था कि उनका बदला पूरा हुआ और अब वह जंग नहीं चाहते. अगर जंग होती है तो वह अमेरिका को माकूल जवाब देंगे.

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कासिम सुलेमानी की मौत के बाद शुरू हुए इस विवाद में ईरान की एक गलती ने 176 लोगों की जान भी ले ली थी. ईरान की राजधानी तेहरान से यूक्रेन के यात्री विमान के उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद उसके क्रैश होने की खबरें आई थीं. अमेरिका, यूके और कनाडा ने शक जाहिर किया था कि प्लेन क्रैश होने की घटना टेक्निकल नहीं थी बल्कि ईरान ने उसे मार गिराया था. इन देशों का शक सही निकला था. घटना के कई दिनों बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ने के बाद ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ (Javad Zarif) ने स्वीकार किया था कि मानवीय गलती की वजह से यह चूक हुई थी. उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट कर खेद व्यक्त किया था.

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