अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने क्रीमिया (यूक्रेन) में रूसी सेना भेजने के फैसले पर रूस को दो टूक शब्दों में आगाह किया है कि पश्चिमी देश रूस को उसके इस 'अत्यंत आक्रामक रवैये' के चलते उसे अलग थलग करने को तैयार हैं। उन्होंने आगाह किया रूस इस मुद्दे पर प्रतिष्ठित जी-8 समूह की सदस्यता गंवा सकता है। इसके अलावा उस खिलाफ वीजा प्रतिबंध, संपत्तियों की जब्ती, व्यापार एवं निवेश पेनल्टी और रूस में आगामी जून में आयोजित होने वाला विश्व शक्तियों का आर्थिक सम्मेलन का बहिष्कार जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
केरी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि, 'अब उन्हें सोची में जी-8 की मेजबानी का मौका नहीं मिलने जा रहा है.. और अगर यही हालात रहा तो जी-8 में उनकी जगह भी खत्म हो जाएगी।' 'और वह पाएंगे कि रूसी कंपनियों की संपत्ति जब्त कर ली गई है, अमेरिकी कंपनियां वहां से निकल सकती हैं और ऐसा हुआ तो रूबल (रूसी मुद्रा) के लिए नया संकट पैदा हो जाएगा।'
कैरी ने कहा, 'उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। अमेरिका एकजुट है और रूस अलग-थलग पड़ गया है। उसकी स्थिति मजबूत नहीं है।'
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इस साल जून में सोची (रूस) में होने वाली जी-8 की शिखर बैठक की तैयारी संबंधी बैठकों से अपने को अलग कर लिया है। वहीं यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई की धमकी को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ी हैं।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शनिवार को 90 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के 'स्पष्ट उल्लंघन' पर अपनी 'गहरी चिंता' जाहिर की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा है, 'ओबामा ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का रूस के द्वारा किए गए उल्लंघन पर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की और यूक्रेन के क्षेत्र में सैनिक हस्तक्षेप की निंदा की।'
अमेरिका ने रूसी सेना को क्रीमिया स्थित सैन्य अड्डे में वापस बुलाने का आह्वान किया है। यूक्रेन में क्रीमिया एक स्वायत्तशासी गणराज्य है, लेकिन उथल-पुथल से गुजर रहे देश में अब मुख्य बिंदु हो चुका है।
व्हाइट हाउस ने कहा है, 'अमेरिका ने रूस से अपने सैनिकों को क्रीमिया के अड्डों में वापस बुला कर तनाव कम करने के लिए कहा है और यूक्रेन में कहीं भी हस्तक्षेप करने से बचने के लिए कहा है।'
रूसी संसद द्वारा पुतिन को यूक्रेन में रूस के हितों की रक्षा के लिए सैनिकों का इस्तेमाल करने के लिए अधिकृत किए जाने के बाद ओबामा ने बातचीत की। (पढ़े)
पुतिन के प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि हरी झंडी मिल जाने के बावजूद राष्ट्रपति ने यूक्रेन में सैन्य ताकत का प्रयोग करने के बारे में अभी तक फैसला नहीं लिया है और इसका इस्तेमाल स्थितियों पर निर्भर है।
रूस के इस कदम के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर टर्किनोव ने भी अपने देश की सेना को युद्ध के लिए सतर्क कर दिया है और चेतावनी दी है कि देश में किसी भी सैन्य हस्तक्षेप का परिणाम युद्ध होगा।
रूसी संसद द्वारा राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन में रूसी हितों के लिए सेना का प्रयोग करने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के कुछ घंटों बाद शनिवार देर रात की गई घोषणा में अलेक्जेंडर ने कहा, रूस को कोई भी आक्रामक गतिविधि करने को अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, 'रूसी नागरिकों और रूसी बोलने वाले यूक्रेनी नागरिकों से संबंधित खतरों के सभी आरोप भ्रामक हैं।' (पढ़े)
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