शिकागो:
मुंबई हमले की साजिश में आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा की मदद करने वाले पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा पर मुकदमे की सुनवाई के लिए शिकागो की एक अदालत ने 12 सदस्यीय जूरी और छह वैकल्पिक सदस्यों का चुनाव किया है। जूरी में आठ महिलाओं और चार पुरुषों एवं वैकल्पिक सदस्यों में चार पुरुषों और दो महिलाओं को शामिल किया गया है। इन सभी सदस्यों ने तीन दिवसीय चयन प्रक्रिया के बाद न्यायाधीश हैरी डी. लेनिनवेबर के समक्ष शपथ ली। जूरी सदस्यों की सुरक्षा के लिए न्यायाधीश ने उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए जाने का आदेश दिया है। लेनिनवेबर ने जूरी सदस्यों को निर्देश दिया, जब तक मामले से जुड़े सभी सबूत पेश नहीं कर दिए जाते, तब तक आप इस मामले में आपस में चर्चा नहीं करें। साथ ही न्यायाधीश ने जूरी सदस्यों से कहा कि वह अपने मित्रों और परिवारजनों से इस मामले पर विचार-विमर्श न करें और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियां न जुटाएं। न्यायाधीश ने कहा, 11 सितम्बर, 2001 के बाद से अमेरिकी लोग विदेशी आतंकवाद को लेकर अत्यधिक संवेदनशील और डरे हुए हैं। जूरी के सदस्यों को ऐसी स्थिति में नहीं होना चाहिए, जिससे डर पैदा हो या उनके परिवारजनों को कोई खतरा हो। कनाडाई नागरिक 50 वर्षीय राणा शिकागो, न्यूयार्क और टोरंटो में आव्रजन सेवाएं उपलब्ध कराने का कारोबार करता है। उस पर मुंबई हमले की साजिश रचने वाले आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली की मदद करने का आरोप है। बुधवार को न्यायालय की कार्रवाई के बाद राणा के वकील चार्ली स्विफ्ट ने कहा, राणा का एकमात्र अपराध उसका डेविड हेडली का दोस्त होना है। इससे पहले 17 मई को जूरी चयन प्रक्रिया के दौरान न्यायाधीश ने मुसलमानों के खिलाफ पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण रखने सहित कई अन्य कारणों से जूरी के लिए कई उम्मीदवारों का नाम नामंजूर कर दिया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं