शिकागो:
अमेरिका में शिकागो की एक अदालत में पाकिस्तानी मूल के कनाडियाई व्यापारी तहव्वुर राणा के खिलाफ सुनवाई आरम्भ हो गई है। राणा पर 26/11 के मुम्बई हमले के आरोपी पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को साजोंसामान मुहैया कराने का आरोप है। स्थानीय डब्ल्यूएलएस टेलीविजन के मुताबिक बुधवार देर रात तक इस मामले में अदालत का फैसला आ सकता है। शिकागो की अदालत में सहायक अधिवक्ता विकी पीटर्स ने अपनी जिरह पूरी करते हुए मंगलवार को कहा था कि 50 वर्षीय राणा इस साजिश के मुख्य सूत्रधारों में से था। पीटर्स ने कहा कि राणा को बेवकूफ नहीं बनाया गया था, जैसा कि बचाव पक्ष ने दावा किया है बल्कि वह हर कदम पर अपने दोस्त हेडली के साथ था। उसने हेडली को अपने कारोबार को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी ताकि वह अपने साथी आतंकवादियों के लिए हमला बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ले सके। 'शिकागो सन टाइम्स' के अनुसार पीटर्स ने कहा, "वह बखूबी जानता था कि डेविड हेडली कौन है और वह जानता था कि हेडली क्या करने वाला है।" उन्होंने कहा, "हेडली राणा को अंधेरे में नहीं रखना चाहता था। राणा बेवकूफ नहीं बना था। वह बेवकूफ नहीं था।" पीटर्स ने दो घंटे से ज्यादा समय तक अदालत को ईमेल ब्यौरा, राणा और हेडली तथा लश्कर-ए-तैयबा के आतंवकवादियों के बीच हुई बातचीत की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेडली के साथियों ने अपने ईमेल में अक्सर राणा के बारे में पूछा था और राणा ने साजिशकर्ता मेजर इकबाल का कम से कम एक ईमेल हेडली को फॉरवर्ड किया था। पीटर्स ने यह भी बताया कि किस तरह राणा ने मुम्बई हमलों के साजिशकर्ता साजिद मीर और हमलों को अंजाम देने वाले नौ आतंकवादियों की सराहना की। गोपनीय ढंग से रिकार्ड की एक बातचीत में राणा ने साजिद मीर की तुलना इस्लामी जनरल खालिद बिन वालिद से की है और कहा है कि लश्कर के लड़ाकों को निशान-ए-हैदर मिलना चाहिए। यह पाकिस्तानी सैनिकों को मरणोपरांत दिए जाने वाला शीर्ष सम्मान है। पीटर्स ने कहा हेडली की बताई गई सूचनाओं से कई जाने बचाई जा सकी हैं। उन्होंने कहा, "डेविड हैडली नृशंस व्यक्ति है।"
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राणा, सुनवाई