अमजद साबरी दिवंगत गुलाम फरीद साबरी के बेटे थे
कराची:
कव्वाली गायन के क्षेत्र की मशहूर जोड़ी साबरी ब्रदर्स के अमजद साबरी की कराची में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वह आज दोपहर शहर के लियाकताबाद इलाके में थे, जहां कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उनकी कार पर गोलियां बरसा दी, जिसमें 45 साल के कव्वाल और उनके साथी बुरी तरह से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुश्ताक मेहर के हवाले से पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने अमजद की कार पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हत्या के पीछे का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अमजद के सिर पर दो गोलियां और कान पर एक गोली लगी।
ट्विटर पर लोगों ने इजहार किया दुख और गुस्सा
अमजद की हत्या को लेकर कई लोगों ने ट्विटर दुख और नाराजदी जाहिर की है। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था और सरकारी की पूरी तरह नाकामी उजागर करती है।
वहीं एक अन्य प्रशंसक लिखते हैं कि अमजद की उन लोगों ने हत्या कर दी, जो सोचते हैं कि दुनिया इस बेहतरीन आवाज के बिना बेहतर है।
साबरी बंधुओं को 1970 के दशक में कव्वाली को पश्चिमी देशों तक ले जाने का श्रेय दिया जाता है। इस कव्वाली ग्रुप की शुरुआत दिवंगत गुलाम फरीद साबरी और उनके छोटे भाई हाजी मकबूल अहमद साबरी को जाता है। अमजद साबरी गुलाम साबरी के बेटे थे।
अमजद का बॉलीवुड से नाता
अमजद कुछ दिनों पहले बॉलीवुड में भी चर्चा का विषय थे। सलमान खान की फ़िल्म बजरंगी भाईजान में साबरी ब्रदर्स की मशहूर कव्वाली 'भर दो झोली' को शामिल किया गया था, जिस पर अमजद ने नाराज़गी जताई थी। अजमद ने कानूनी नोटिस भेजते हुए आरोप लगाया था कि उनके पिता ग़ुलाम फरीद साबरी की इस प्रसिद्ध कव्वाली को बिना इजाज़त फिल्म में शमिल किया गया। फ़िल्म में इस गाने को अदनान सामी से गाया, जो काफ़ी मशहूर हुआ था। वहीं इससे पहले 2008 में आई फ़िल्म हल्ला बोल में अमजद साबरी ने चर्चित कव्वाली 'मोरे हाजी पिया' गाया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुश्ताक मेहर के हवाले से पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने अमजद की कार पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हत्या के पीछे का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अमजद के सिर पर दो गोलियां और कान पर एक गोली लगी।
ट्विटर पर लोगों ने इजहार किया दुख और गुस्सा
अमजद की हत्या को लेकर कई लोगों ने ट्विटर दुख और नाराजदी जाहिर की है। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने ट्वीट कर कहा कि यह घटना कानून व्यवस्था और सरकारी की पूरी तरह नाकामी उजागर करती है।
Shocked at the murder of famous qawwal Amjad Sabri & his companions in Karachi. A complete failure of law & order & writ of the govt.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 22, 2016
वहीं एक अन्य प्रशंसक लिखते हैं कि अमजद की उन लोगों ने हत्या कर दी, जो सोचते हैं कि दुनिया इस बेहतरीन आवाज के बिना बेहतर है।
Amjad Sabri singing Bhar Do Jholi. Murdered today by those who think the world is better without this great voice. https://t.co/TsrMNBKZiY
— Kamila Shamsie (@kamilashamsie) June 22, 2016
साबरी बंधुओं को 1970 के दशक में कव्वाली को पश्चिमी देशों तक ले जाने का श्रेय दिया जाता है। इस कव्वाली ग्रुप की शुरुआत दिवंगत गुलाम फरीद साबरी और उनके छोटे भाई हाजी मकबूल अहमद साबरी को जाता है। अमजद साबरी गुलाम साबरी के बेटे थे।
अमजद का बॉलीवुड से नाता
अमजद कुछ दिनों पहले बॉलीवुड में भी चर्चा का विषय थे। सलमान खान की फ़िल्म बजरंगी भाईजान में साबरी ब्रदर्स की मशहूर कव्वाली 'भर दो झोली' को शामिल किया गया था, जिस पर अमजद ने नाराज़गी जताई थी। अजमद ने कानूनी नोटिस भेजते हुए आरोप लगाया था कि उनके पिता ग़ुलाम फरीद साबरी की इस प्रसिद्ध कव्वाली को बिना इजाज़त फिल्म में शमिल किया गया। फ़िल्म में इस गाने को अदनान सामी से गाया, जो काफ़ी मशहूर हुआ था। वहीं इससे पहले 2008 में आई फ़िल्म हल्ला बोल में अमजद साबरी ने चर्चित कव्वाली 'मोरे हाजी पिया' गाया था।
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