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This Article is From Jan 08, 2020

कौन था कासिम सुलेमानी? अमेरिका जिसे मानता था 'आतंकवादी'

Qasem Soleimani ईरान का सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल था. जनरल सुलेमानी ईरान के सशस्त्र बलों की शाखा इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स या कुद्स फोर्स (Islamic Revolutionary Guard Corps) की अध्यक्षता भी कर रहा था.

कौन था कासिम सुलेमानी? अमेरिका जिसे मानता था 'आतंकवादी'
जानिए कासिम सुलेमानी के बारे में सबकुछ
नई दिल्ली:

ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक 'इराक में US सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमलों में 80 'अमेरिकी आतंकी' मारे गए', जिसके चलते पश्चिम एशिया में हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. कासिम सुलेमानी (Qasem Soleimani) की हत्या के बाद ईरान में अमेरिका से बदला लेने की मांग जोर पकड़ चुकी है. इस मांग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुलेमानी की अंतिम यात्रा में पूरा ईरान शामिल हुआ था, इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही थी. भीड़ इतनी थी कि भगदड़ मचने से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी. इस शव यात्रा में ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई से लेकर वहां की आम जनता तक, हर कोई फूट-फूट कर रो पड़ा था. अब माहौल ऐसा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी को एक-दूसरे को हमले की धमकी देने का सिलसिला थम नहीं रहा. आखिर ये कासिम सुलेमानी कौन था, जिसकी हत्या के बाद महौल इस कदर तनावपूर्ण बना हुआ है. 

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कासिम सुलेमानी आयतुल्लाह अली खामेनेई के साथ

कौन था कासिम सुलेमानी?
कासिम सुलेमानी ईरान का सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल था. जनरल सुलेमानी ईरान के सशस्त्र बलों की शाखा इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स या कुद्स फोर्स (Islamic Revolutionary Guard Corps) की अध्यक्षता भी कर रहा था.  ये फोर्स सीधे देश (ईरान) के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई को रिपोर्ट करती है. 

सुलेमानी ने 1980 के ईरान-इराक युद्ध की शुरुआत में अपना सैन्य करियर शुरू किया और साल 1998 से कुद्स फोर्स का नेतृत्व शुरू किया. इसे ईरान की सबसे ताकतवर फौज के रूप में जाना जाता है. 

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कासिम सुलेमानी को पश्चिम एशिया में ईरानी गतिविधियों को चलाने का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था. सुलेमानी को दूसरे देशों पर ईरान के रिश्ते मजबूत करने के लिए जाना गया, सुलेमानी ने यमन से लेकर सीरिया तक और ईराक से लेकर दूसरे मुल्कों तक रिश्तों का एक मज़बूत नेटवर्क तैयार किया. ट्रंप सरकार ईरान पर समय-समय पर प्रतिबंध लगाती रही. वहीं, अमेरिका के दवाब में काफी देश जैसे यूएई और इज़राइल का रुख भी ईरान के लिए अच्छा नहीं रहा है. लेकिन इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद कासिम सुलेमानी ने ईरान के कवच के रूप में इसकी रक्षा की. लेकिन अमेरिका ने उन्हें और उनकी कुद्स फोर्स को सैकड़ों अमेरिकी नागरिकों की मौत का ज़िम्मेदार करार देते हुए 'आतंकवादी' घोषित किया हुआ था.

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आयतुल्लाह अली खामेनेई कासिम सुलेमानी के साथ

कुद्स फोर्स (Quds Force​)
कुद्स फोर्स ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी यूनिट का हिस्सा है. इसे ईरान की सबसे ताकतवर और धनी फौज माना जाता है. कुद्स फोर्स का काम है विदेशों में ईरान के समर्थक सशस्त्र गुटों को हथियार और ट्रेनिंग मुहैया कराना. कासिम सुलेमानी इसी कुद्स फोर्स के प्रमुख थे.

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कुद्स फोर्स और अमेरिका
अमेरिका ने कुद्स फोर्स को साल 2007 से आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया और इस संगठन के साथ किसी भी अमेरिका के लेनदेन किए जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया. अमेरिका सुलेमानी को अपने सबसे बड़े दुश्मनों में से एक मानता था. साल 2018 को सऊदी अरब और बहरीन ने ईरान की कुद्स फोर्स को आतंकवादी और इसके प्रमुख कासिम सुलेमानी को आतंकवादी घोषित किया था. 

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आयतुल्लाह अली खामेनेई कासिम सुलेमानी की अंतिम विदाई पर रोते हुए

कासिम सुलेमानी की हत्या
बता दें, 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले में कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद अमेरिका ने अपने इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि, 'वह अमेरिकी प्रतिष्ठानों और राजनयिकों पर हमला करने की साजिश रच रहा था.' इसी के साथ यह अमेरिकी सैन्य कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई है. 

अमेरिकी रक्षा विभाग की तरफ से बयान में कहा गया है कि "अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमेरिका सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए क़ासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है. अमरीका ने उन्हें आतंकवादी घोषित कर रखा था."

इस बयान में कहा गया है कि "सुलेमानी 27 दिसंबर, 2019 समेत, कई महीनों से इराक स्थित अमेरिकी  सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं. इसके अलावा बीते हफ्ते अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले को भी उन्होंने अपनी स्वीकृति दी थी."

सुलेमानी के बाद अब कुद्स फोर्स के नए जनरल इस्माइल गनी हैं.

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